झारखंड: राहुल गांधी को 2018 में अमित शाह के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने के मामले में अदालत ने समन भेजा

केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में वर्ष 2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि ‘भाजपा एक हत्यारोपी को अपनी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकती है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कभी नहीं हो सकता.’

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी करने के मामले में झारखंड की एक एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने मंगलवार (21 मई) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक समन भेजकर 11 जून को अदालत में पेश होने के लिए कहा है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की युवा शाखा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नवीन झा ने मानहानि का यह  मुकदमा दायर किया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, विशेष अदालत का यह समन झारखंड हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के तीन महीने बाद आया है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नवीन झा के वकील विनोद साहू ने कहा कि गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए हमारे अनुरोध के बाद समन जारी किया गया.

साहू ने कहा, ‘हमने गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध किया था,  जिस पर एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने समन जारी किया. राहुल गांधी को चुनाव के बाद 11 जून को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है.’

बता दें कि नवीन झा ने 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ कहा है जो भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचाता है. साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्री और तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बारे में राहुल गांधी ने कहा था, ‘भाजपा एक हत्यारोपी को अपनी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकती है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कभी नहीं हो सकता.’

अदालत ने मामले का संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू कर दी थी, जिसके बाद राहुल गांधी को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जिसने अगले आदेश तक उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

राहुल गांधी के वकील कौशिक सर्खेल ने कहा, ‘एक बार समन हमारे पास पहुंच जाए, तो हम राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट देने के लिए अदालत से अनुरोध करेंगे.’