कर्नाटक: सीएम ने पीएम मोदी से प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने को कहा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्रज्वल रेवन्ना ने जघन्य कृत्यों की ख़बर सामने आने के तुरंत बाद अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग कर 'आपराधिक कार्यवाही से बचने' के लिए 'अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग' किया है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. (फोटो साभार: फेसबुक/Siddaramaiah)

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार (22 मई_ को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी फरार जनता दल (सेकुलर) नेता और हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धारमैया ने लिखा, ‘मैं एक बार फिर घटनाओं की गंभीर शृंखला की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए लिख रहा हूं, जिसे करने का आरोप प्रज्वल रेवन्ना पर लगाया गया है. इन घटनाओं ने न केवल कर्नाटक राज्य के लोगों की अंतरात्मा को झकझोर दिया है, बल्कि देशव्यापी चिंता भी पैदा की है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रज्वल अपने जघन्य कृत्यों की खबर सामने आने के तुरंत बाद और अपने खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज होने से कुछ घंटे पहले अपने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके 27 अप्रैल, 2024 को देश से भागकर जर्मनी चले गए.

इसके अलावा, सिद्धारमैया ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के हासन लोकसभा सीट के उम्मीदवार ने विदेश यात्रा करने और ‘आपराधिक कार्यवाही से बचने’ के लिए ‘अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग’ किया है.

कर्नाटक सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों को रेखांकित करते हुए सिद्धारमैया ने उल्लेख किया कि हालांकि एसआईटी उन कथित अपराधों की जांच कर रही है जिनमें प्रज्वल शामिल है, यह गंभीर चिंता का विषय है कि वह लुकआउट सर्कुलर, ब्लू कॉर्नर नोटिस और धारा 41ए सीआरपीसी के तहत दो नोटिस के बावजूद फरार होने में कामयाब रहा है.

सिद्धारमैया ने लिखा, ‘प्रज्वल के खिलाफ एफआईआर में बलात्कार, यौन उत्पीड़न, महिलाओं को निर्वस्त्र करने और पीड़ितों को धमकाने के लिए यौन कृत्यों की जबरन वीडियोग्राफी करने के आरोप शामिल हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि विशेषाधिकारों के इस तरह के दुरुपयोग और कानूनी कार्यवाही में असहयोग के जानबूझकर किए गए कृत्यों के लिए केंद्र सरकार या उसके तंत्र द्वारा गंभीर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जांच और मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके. यह निराशाजनक है कि इस मुद्दे पर इसी तरह की चिंताओं को उठाने वाले मेरे पिछले पत्र पर मेरी जानकारी के अनुसार, स्थिति की गंभीरता के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई है.’

मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार से पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10(3)(एच) या किसी अन्य प्रासंगिक कानून के तहत प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने और उनकी भारत वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धारमैया ने इससे पहले 1 मई को मोदी को पत्र लिखकर गृह और विदेश मंत्रालयों को प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का निर्देश देने को कहा था.

इसी बीच, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कथित तौर पर बुधवार को अपने भतीजे प्रज्वल से अपील की कि वह अपने वकीलों की सलाह न लें और उनके खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी के साथ सहयोग करें. उन्होंने दोहराया कि अगर हासन के सांसद को अपने दादा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के प्रति कोई सम्मान है तो उन्हें देश लौट आना चाहिए.

18 मई, शनिवार को एक विशेष अदालत ने प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

जेडीएस नेता के खिलाफ अब तक तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं. प्रज्वल के निर्वाचन क्षेत्र हासन में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था.

सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार ने 27 अप्रैल को कई यौन शोषण मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था, कहा जाता है कि उसी दिन वह जर्मनी चले गए थे.