उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लगभग एक पखवाड़े की 50 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 52 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से गंगोत्री में तीन, यमुनोत्री में 12, बद्रीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की जान गई है.

बद्रीनाथ मंदिर. (फाइल फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: उत्तराखंड में लगभग एक पखवाड़े पहले 10 मई को चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 50 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, ‘अब तक 52 चारधाम तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई हैं. उनमें से अधिकांश 60 वर्ष से ऊपर के थे.’

उन्होंने कहा, ‘गंगोत्री में तीन, यमुनोत्री में 12, बद्रीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की मौत हो गई.’

बताया गया है कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी गई है. उन्होंने कहा कि हिमालयी मंदिरों के रास्ते में स्क्रीनिंग की जा रही है और तीर्थयात्रियों को सलाह दी जा रही है कि अगर वे मेडिकल तौर पर फिट नहीं पाए जाते हैं तो यात्रा न करें.

हालांकि, यदि वे फिर भी यात्रा जारी रखने की जिद करते हैं, तो उन्हें एक फॉर्म भरने के बाद आगे जाने की अनुमति दी जाती है.

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और अब तक नौ लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. पांडे ने कहा कि चारों धामों पर यात्रा सुचारु रूप से चल रही है.

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर आए केरल के एक 63 वर्षीय श्रद्धालु की गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उसी दिन हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए पंजाब के लुधियाना निवासी जसविंद्र सिंह (60) का भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.

रिपोर्ट के अनुसार, केदारनाथ में बीते 10 वर्ष में 350 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जिसका प्रमुख कारण सीने में दर्द, बेचैनी और दिल का दौरा पड़ना रहा है.

मालूम हो कि चारधाम में भारी भीड़ से अराजकता के बीच केंद्र सरकार ने प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ, आईटीबीपी को भेजने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया था कि चारधाम यात्रा के लिए 22 मई तक कुल 31,18,926 लोगों ने पंजीकरण किया था. भारी भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर 31 मई तक रोक लगा दी गई है.

इसके साथ ही केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को चारधाम मंदिरों, यात्रा मार्गों और पड़ाव स्थलों पर तीर्थयात्रियों की दैनिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया है.

मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में बद्रीनाथ में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा के कथित कुप्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.