नई दिल्ली: डाले गए मतों की पूर्ण संख्या जारी न करने के कारण आलोचना का सामना करने के बाद, भारतीय निर्वाचन आयोग ने शनिवार (25 मई) को सभी संपन्न हो चुके चरणों के मतदाताओं की पूर्ण संख्या जारी की है.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 50.7 करोड़ वोट डाले गए हैं.
पहले चरण में 11,00,52,103 वोट डाले गए; दूसरे चरण में 10,58,30,572 वोट डाले गए; तीसरे चरण में 11,32,34,676 वोट डाले गए; चौथे चरण में 12,24,69,319 वोट डाले गए; और पांचवे चरण में 5,57,10,618 वोट डाले गए.
2019 में आम चुनाव संपन्न होने के बाद लंबे समय तक चुनाव आयोग ने मतों की अंतिम संख्या उपलब्ध नहीं कराई थी. यह केवल ‘अनंतिम’ संख्या थी जो परिणाम घोषित होने के बाद भी वेबसाइट पर बनी रही.
31 मई 2019 को द क्विंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर साझा किए गए डेटा के दो सेट – ‘मतदान प्रतिशत’ और ईवीएम पर गिने गए वोट – एक दूसरे के साथ मेल नहीं खाते थे. कई निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम पर गिने गए वोट वास्तव में उन निर्वाचन क्षेत्रों में कुल मतदान से अधिक थे.
15 नवंबर 2019 को, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और कॉमन कॉज़ एनजीओ ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में कथित विसंगतियों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
एडीआर फिर से सुप्रीम कोर्ट गया और चुनाव आयोग को प्रत्येक चरण के मतदान की समाप्ति के बाद सभी मतदान केंद्रों पर दर्ज किए गए मतों का लेखा-जोखा तुरंत वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने की मांग की.
हालांकि, 24 मई को शीर्ष अदालत ने एडीआर की याचिका पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था. द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अंतरिम आवेदन में प्रार्थनाएं इस मुद्दे पर 2019 से लंबित मुख्य याचिका के समान हैं.
एडीआर ने अपने आवेदन में मतदान समाप्ति के तुरंत बाद चुनाव निकाय द्वारा जारी किए गए प्रारंभिक मतदान आंकड़ों और उसके बाद प्रकाशित अंतिम मतदान प्रतिशत में एक बड़े अंतर की ओर इशारा किया था.
Big victory for peoples’ Right to Information! ECI releases voter turnout figures in absolute numbers. Important step by ECI, though this could have been done sooner. The demand to disclose Form 17C must continue as that is the only statutory authenticated record of voter turnout https://t.co/7rVTye6c8K pic.twitter.com/TPRQdPCuK2
— Anjali Bhardwaj (@AnjaliB_) May 25, 2024
इस बीच, अधिकार और पारदर्शिता कार्यकर्ताओं ने पूर्ण संख्या में मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी करने के चुनाव आयोग के फैसले की सराहना की है.
एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘लोगों के सूचना के अधिकार की बड़ी जीत! ईसीआई पूर्ण संख्या में मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी किए. ईसीआई का महत्वपूर्ण कदम, हालांकि यह पहले भी किया जा सकता था. फॉर्म 17सी का खुलासा करने की मांग जारी रहनी चाहिए क्योंकि यह मतदान प्रतिशत का एकमात्र वैधानिक प्रमाणित रिकॉर्ड है.’