नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर अपनी नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का निधन हो गया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला का निधन रविवार (26 मई) को बेंगलुरु के हुलिमावु स्थित एक निजी अस्पताल में हुआ.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके वकील ने कहा है कि वह दो अलग-अलग मामलों में अपनी नाबालिग बेटी को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही थीं.
अपनी बेटी के साथ अस्पताल गई थी महिला
द हिंदू ने पुलिस विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया है कि पूर्व सीएम पर आरोप लगाने वाली 53 वर्षीय महिला 26 मई की रात को एक निजी अस्पताल गई थी. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इलाज के बावजूद हालत में सुधार नहीं होने के कारण अस्पताल में ही उनकी की मौत हो गई. अस्पताल के अनुसार महिला फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थी.
दक्षिण पूर्व डिवीजन के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सीके बाबा ने द हिंदू को बताया, ‘उनका इलाज करने वाले एक डॉक्टर के अनुसार, उनके फेफड़ों में ट्यूमर था. इसी वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इलाज का कोई असर न होने कारण भर्ती होने के करीब 45 मिनट बाद ही महिला ने दम तोड़ दिया.’
महिला अपनी उस बेटी के साथ अस्पताल गई थी, जो पॉक्सो मामले में पीड़िता है. 17 वर्षीय लड़की ने केस के एक गवाह को मैसेज कर बताया था कि उसकी मां अस्पताल में है. बाद में उसने मैसेज में ही बताया कि उसकी मां नहीं रही.
शव के पोस्टमार्टम की मांग
पॉक्सो मामले की पैरवी में महिला की मदद करने वाली अखिल भारतीय जनवादी महिला संगठन (एबीजेएमएस) की कार्यकर्ता ने शव के पोस्टमार्टम की मांग की है.
एबीजेएमएस की राज्य उपाध्यक्ष गौरम्मा ने द हिंदू से बात करते हुए कहा, ‘चूंकि मामला बहुत संवेदनशील है, इसलिए शव का पोस्टमार्टम कराया जाना चाहिए. संगठन हुलीमावु थाने में शिकायत भी दर्ज कराएगा.’
हालांकि, पुलिस ने डॉक्टरों के हवाले से इसे प्राकृतिक कारणों से हुई मौत बताया है.
पूर्व सीएम पर क्या हैं आरोप?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 की बात है. आरोप था कि महिला के पति के एक करीबी रिश्तेदार ने उनकी नौ साल की बेटी से कथित तौर बलात्कार किया और न्याय के लिए महिला लगातार भटक रही थी.
इसी मामले में मदद के सिलसिले में 2 फरवरी, 2024 को महिला अपनी बेटी के साथ येदियुरप्पा से मिलने गई थी. मुलाकात के बाद 14 मार्च, 2024 को महिला ने येदियुरप्पा के खिलाफ सदाशिवनगर थाने में शिकायत (पॉक्सो के तहत) दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने उसकी बेटी को अनुचित तरीके से छुआ था.
20 मार्च को महिला और उसकी बेटी ने कोर्ट में जाकर मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया था. बयान दर्ज होने से एक दिन पहले येदियुरप्पा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्होंने पहले भी मां और बेटी की मदद की थी.
पॉक्सो केस में मां और बेटी की मदद कर रहे एक वकील ने बताया है, ‘उन्होंने उन ताकतवर लोगों के दबाव में झुकने से मना कर दिया, जिनके खिलाफ केस दर्ज कराया था. उन पर बहुत दबाव था, लेकिन वह दृढ़ रहीं.’