पीएम मोदी, राहुल गांधी को अडानी समूह के ख़िलाफ़ बयान देने से रोकने की याचिका समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर)

खुद को किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है. यादव ने कोर्ट से मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अडानी समूह के खिलाफ कथित अपमानजनक बयान देने से रोका जाए. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में सुरजीत सिंह यादव ने निषेधाज्ञा दायर की. अदालती दस्तावेज़ के अनुसार, यादव खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता, किसान और शेयर बाजार में निवेशक बताते हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यादव ने अपनी निषेधाज्ञा याचिका में कहा है कि गांधी और मोदी ने अपने बयानों में अडानी समूह के प्रमोटर पर झूठा आरोप लगाया है, जिससे अडानी समूह के शेयरों में अप्रत्याशित अस्थिरता पैदा हुई है. ऐसा होने से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. अपनी याचिका में यादव ने तेलंगाना में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर अंबानी और अडानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. यह निषेधाज्ञा ऐसे समय में दायर की गई है जब कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक-दूसरे पर और अंबानी-अडानी जैसे कॉर्पोरेट समूहों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.

डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है. जुलाई 2002 में रंजीत सिंह की हत्या हुई थी. राम रहीम के साथ चार अन्य आरोपी भी इस हत्या के मामले में बरी हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,जुलाई 2002 में हरियाणा के सिरसा में रणजीत सिंह नामक डेरा प्रबंधक की हत्या कर दी गई थी. नवंबर 2003 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई चार्जशीट के अनुसार, एक गुमनाम पत्र प्रसारित हो रहा था, जिसमें डेरा प्रमुख पर डेरा परिसर के अंदर साध्वियों (महिला अनुयायियों) का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने अनुमान लगाया कि राम रहीम को संदेह था कि रंजीत सिंह ने पत्र प्रसारित किया है और उसने उसकी हत्या करवा दी. अक्टूबर 2021 में सीबीआई की विशेष अदालत ने डीएसएस प्रमुख और उनके चार अनुयायियों को रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया था. सीबीआई ने मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश ने मांग खारिज दी और इसके बजाय आजीवन कारावास और 31 लाख रुपये का जुर्माने लगाया. जुर्माने की राशि का आधा हिस्सा रंजीत सिंह के परिवार को दिया गया. राम रहीम सहित पांचों दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने 28 मई, 2024 को पांचों को बरी कर दिया.

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट मंगलवार (28 मई) कोके एडिशनल सेशन जज समीर बाजपेयी ने छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी. जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) के पूर्व छात्र उमर खालिद दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से जेल में हैं. खालिद पर यूएपीए (आतंकवाद विरोधी कानून ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत आरोप लगाए गए हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खालिद के खिलाफ दर्ज केस में अब तक न तो सुनवाई शुरू हुई और न ही आरोप तय हुए हैं.

बिहार की राजधानी पटना में 22 वर्षीय छात्र को लाठी-डंडों और ईंटों से पीट-पीटकर मार डाला गया है. हर्ष राज पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज में बीए वोकेशनल इंग्लिश कोर्स के अंतिम वर्ष का छात्र थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोमवार (27 मई) को हर्ष सुल्तानगंज लॉ कॉलेज में परीक्षा देने गए थे, जहां 10-15 लोगों ने पीटकर उनकी हत्या कर दी. इस घटना से शहर में तनाव फैल गया और प्रदर्शनकारी मृतक के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. सिटी एसपी (ईस्ट) भरत सोनी ने संवाददाताओं से कहा है, ‘हमें सूचना मिली कि बीएन कॉलेज में वोकेशनल इंग्लिश के तीसरे वर्ष के छात्र हर्ष राज कल सुल्तानगंज लॉ कॉलेज में परीक्षा देने गए थे. वहां के कुछ छात्रों के अनुसार 10-15 नकाबपोश लोग आए और उन्हें डंडों से पीटना शुरू कर दिया. इसके बाद राज के दोस्त उन्हें पीएमसीएच के आपातकालीन वार्ड में ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हम लोगों से पूछताछ कर रहे हैं. सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.’