मणिपुर में बाढ़ से हज़ारों लोग प्रभावित, कई इलाकों में बिजली-पानी समेत संचार सेवाएं बाधित

चक्रवाती तूफ़ान रेमल के प्रभाव से राज्य में कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई. कांगपोकपी ज़िला देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया है.

बाढ़ में फंसे लोगों को निकालती एनडीआरएफ की टीम (तस्वीर साभार: X/@NDRFHQ)

नई दिल्ली: जातीय हिंसा झेल रहा मणिपुर अब बाढ़ की चपेट में आ गया है. इंफाल घाटी में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. इंफाल नदी के उफान पर होने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. लोगों के घरों में पानी घुस गया है.

हजारों प्रभावित लोगों को निकटवर्ती सामुदायिक भवनों में शरण लेनी पड़ी है. कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति के साथ-साथ संचार और अन्य सेवाएं भी बाधित हो गई हैं.

कांगपोकपी जिला पड़ा अलग-थलग

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ के कारण मणिपुर का कांगपोकपी जिला देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है. जिला मुख्यालय को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाला एक प्रमुख पुल तेज धारा के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है. मंगलवार को रेमल चक्रवाती तूफान के शहर में घुसने से जिला मुख्यालय में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे शहर के कई इलाके प्रभावित हैं.

मणिपुर में लगातार बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित

लगातार बारिश के कारण इंफाल पूर्वी जिले के कैरांग, खाबम और लैरीयेंगबाम लेईकेई क्षेत्रों के पास नदी का तट टूट गया है और पानी कई क्षेत्रों में घुस गया है, जिससे सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं. द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘आधिकारिक आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया कि बाढ़ से 4,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.’


पहाड़ी इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब

इंफाल फ्री प्रेस ने लिखा है, पहाड़ी इलाकों में स्थिति ज्यादा खराब है. तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए हैं और घरों की छतें उड़ गईं हैं. कुछ स्थानों पर बिजली की लाइनें और ब्रॉडबैंड कनेक्शन टूट गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. खराब मौसम के कारण सामान्य जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.’

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है, ‘कई इलाकों में नदी के तटबंध टूटने के कारण लोग और पशु प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों, सुरक्षा और एनडीआरएफ कर्मियों और स्थानीय स्वयंसेवकों सहित सभी संबंधित अधिकारी प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. फंसे हुए लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है.’