मोदी की टिप्पणी पर कांग्रेस बोली- गांधी को किसी ‘शाखा शिक्षित’ के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं

नरेंद्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में रिचर्ड एटनबरो की 1982 की फिल्म 'गांधी' के रिलीज़ होने तक पता नहीं था, इस पर राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस की शाखाओं में सिखाया जाने वाला दृष्टिकोण महात्मा गांधी को समझने की अनुमति नहीं देता है क्योंकि संघ उनके हत्यारे गोडसे के रास्ते पर चलता है.

(फाइल फोटो साभार: ट्विटर/नरेंद्र मोदी)

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में सिखाया जाने वाला दृष्टिकोण महात्मा गांधी को समझने की अनुमति नहीं देता है क्योंकि आरएसएस उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के रास्ते पर चलता है.

राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इंटरव्यू के वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें मोदी ने दावा किया था कि दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में रिचर्ड एटनबरो की 1982 की जीवनी पर आधारित फिल्म ‘गांधी’ के रिलीज होने तक पता नहीं था.

राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि सत्य और अहिंसा के रूप में बापू ने दुनिया को ऐसा मार्ग दिखाया, जो कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति को भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने का साहस देता है. उन्हें किसी ‘शाखा शिक्षित’ के प्रमाणपत्र की ज़रूरत नहीं है.

एक वीडियो में राहुल कहते हैं, ‘गांधी जी पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा थे. मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, अल्बर्ट आइंस्टीन – ये सभी गांधी से प्रेरित थे. भारत में करोड़ों लोग गांधी जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लड़ाई सत्य और असत्य के बीच में है, हिंसा और अहिंसा के बीच में है. असत्य और हिंसा के लोग न सत्य को समझ सकते हैं और न ही अहिंसा को समझ सकते हैं.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूज चैनल एबीपी के साथ एक इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, ‘महात्मा गांधी दुनिया की महान आत्मा थे. इन 75 वर्षों में क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं थी कि हम दुनिया को महात्मा गांधी के बारे में बताएं? कोई भी उनके बारे में नहीं जानता था. मुझे माफ़ करें, लेकिन दुनिया में पहली बार उनके बारे में जिज्ञासा तब पैदा हुई जब ‘गांधी’ फिल्म बनी थी. हमने ऐसा नहीं किया.’

मोदी ने कहा, ‘अगर दुनिया मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला को जानती है, तो गांधी उनसे कम नहीं थे और आपको यह स्वीकार करना होगा. मैं यह दुनिया भर की यात्रा करने के बाद कह रहा हूं…’

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी व्यापक आलोचना शुरू हो गई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘जिनके वैचारिक पूर्वज नाथूराम गोडसे, जो महात्मा गांधी जी की हत्या में शामिल थे, वो बापू द्वारा दिए गए सत्य के मार्ग पर कभी नहीं चल सकते.’

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा- ‘गांधी’ फिल्म बनने के बाद विश्व ने महात्मा गांधी को जाना. अच्छा हुआ.. मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले ही गांधी जी की प्रतिमाएं दुनियाभर में लग गए. वरना मोदी जी, बेन किंग्सले के स्टैच्यू लगवाते फिरते.’

ज्ञात हो कि 1982 में दिग्गज निर्देशक रिचारफ एटनबरो की जिस फिल्म ‘गांधी’ का ज़िक्र नरेंद्र मोदी ने किया था, उसमें ब्रिटिश अभिनेता बेन किंग्सले ने महात्मा गांधी की भूमिका निभाई थी.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार मामलों के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, ‘अगर किसी ने महात्मा गांधी की विरासत को नष्ट किया है, तो वह खुद निवर्तमान प्रधानमंत्री हैं. यह उनकी सरकार है जिसने वाराणसी, दिल्ली और अहमदाबाद में गांधीवादी संस्थानों को नष्ट कर दिया है.’