नई दिल्ली: गुजरात के जामनगर में उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार द्वारा आयोजित एक बड़े कार्यक्रम के लगभग तीन महीने बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) के कार्यालय द्वारा कहा गया है कि उनके पास उन नियमों और प्रावधानों की कोई जानकारी नहीं है जिनका जामनगर के घरेलू हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में बदलने के लिए पालन किया गया था.
25 फरवरी से 5 मार्च के बीच 10 दिनों की अवधि के लिए जामनगर हवाई अड्डे, जहां आमतौर पर केवल पांच घरेलू उड़ानों का दैनिक औसत होता है, पर हवाई गतिविधियों में भारी वृद्धि देखी गई. कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें यहां उतरीं और यहां से उड़ानें भरीं. 1 मार्च को अधिकतम 70 उड़ानें संचालित की गई.
जामनगर हवाई अड्डा मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का हवाई अड्डा है जो पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित है.
सामाजिक कार्यकर्ता टी. नरसिम्हा मूर्ति ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत एक आवेदन दायर कर उन कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मांगी थी जिनके तहत अंबानी परिवार के कार्यक्रम के दौरान जामनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया था.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आरटीआई में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (डीजीसीए) ने कहा कि इस मामले में देने के लिए ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
ज्ञात हो कि मुकेश अंबानी के बेटे अनंत और उनकी मंगेतर राधिका मर्चेंट के प्री-वेडिंग समारोह में शामिल होने के लिए बॉलीवुड और हॉलीवुड के सितारों सहित विभिन्न देशों की कई हस्तियां जामनगर आई थीं.
सामाजिक कार्यकर्ता मूर्ति ने डेक्कन हेराल्ड को बताया, ‘डीजीसीए की प्रतिक्रिया कई चिंताएं पैदा करती है. नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि एक हवाई अड्डा जो मुख्य रूप से पाकिस्तान की सीमा के पास एक सैन्य हवाई क्षेत्र है, उसको ऐसा दर्जा कैसे दिया गया? क्या भारत के सभी नागरिकों को अपने पारिवारिक मामलों के लिए विशेष अनुमतियां मिलती हैं? मैं डीजीसीए के जवाब के खिलाफ अपील करूंगा.’
द हिंदू कि रिपोर्ट के मुताबिक, आईएएफ ने अंबानी परिवार के कार्यक्रम के समय जामनगर हवाई अड्डे पर हवाई गतिविधियों को संभाला था. रिपोर्ट में कहा गया था कि रिलायंस ग्रुप ने रक्षा सचिव को पत्र लिखकर आयोजन के दौरान हवाई क्षेत्र के 24×7 संचालन के लिए भारतीय वायुसेना की सहायता मांगी थी.