नई दिल्ली: केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, देश के 150 मुख्य जलाशयों का जलस्तर 23 प्रतिशत रह गया है. पिछले सप्ताह इन जलाशयों का 24 प्रतिशत हिस्सा भरा हुआ था.
शुक्रवार (31 मई) को जारी अपने नवीनतम साप्ताहिक (16 मई से 31 मई) बुलेटिन में आयोग ने बताया कि जलाशयों में कुल 41.705 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी स्टोर है, यह कुल भंडारण क्षमता का 23 प्रतिशत है.’ सीडब्ल्यूसी द्वारा दर्ज किए गए भंडारण स्तर में लगातार 34वें सप्ताह गिरावट आई है.
पिछले वर्ष की तुलना में कितना घटा पानी?
आयोग ने कहा, ‘पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान जलाशयों में 53.832 बीसीएम था. आम तौर पर भी 44.511 बीसीएम पानी रहता ही है. लेकिन वर्तमान आंकड़ा उल्लेखनीय कमी को दर्शाता है. वर्तमान भंडारण पिछले वर्ष के स्तर का केवल 77 प्रतिशत तथा सामान्य भंडारण का 94 प्रतिशत है.’
पिछले वर्ष इसी अवधि में जलाशय 25 प्रतिशत भरे हुए थे. आम तौर पर जलाशयों की कुल क्षमता का 26 प्रतिशत हिस्सा भरा रहता है.
कहां कितने जलाशय?
भारत के कुल 150 जलाशयों में से दस उत्तरी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में हैं. इनकी संग्रहण क्षमता 19.663 बीसीएम है. ताजा बुलेटिन के अनुसार, इन जलाशयों में 5.864 बीसीएम (कुल क्षमता का 30%) रह गया है. पिछले साल इसी अवधि के दौरान संग्रहण 38% था. साल के इस समय सामान्य संग्रहण 31% होता है.
पूर्वी क्षेत्र में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार में 23 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 20.430 बीसीएम है. आयोग ने कहा कि उपलब्ध संग्रहण 5.645 बीसीएम है, जो कुल क्षमता का 28% है. पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 25% था. सामान्य संग्रहण 26% है.
भारत के पश्चिमी क्षेत्र गुजरात और महाराष्ट्र में 49 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 37.130 बीसीएम है. वर्तमान में इन जलाशयों में 8.833 बीसीएम पानी है, जो कुल क्षमता का 24 प्रतिशत है. यह पिछले वर्ष के 28 प्रतिशत से कम है, लेकिन सामान्य संग्रहण 23 प्रतिशत से बेहतर है.
भारत के मध्य क्षेत्र उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 26 जलाशय हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 48.227 बीसीएम है. वर्तमान में इन जलाशयों में 14.046 बीसीएम पानी है, जो कुल क्षमता का 29.1 प्रतिशत है. पिछले वर्ष 37 प्रतिशत था. आम तौर पर इन जलाशयों का 29.4 प्रतिशत हिस्सा भरा रहा रहता है.
दक्षिणी क्षेत्र आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में 42 जलाशय हैं जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 53.334 बीसीएम है. उपलब्ध संग्रहण 7.317 बीसीएम है, जो कुल क्षमता का 14% है. यह पिछले साल के 24% और 19% के सामान्य संग्रहण से काफी कम है.
इसके अलावा कृष्णा, पेन्नार और कन्याकुमारी तथा कावेरी बेसिन के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में जल संग्रहण की कमी दर्ज की गई है. महानदी और पेन्नार बेसिन के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों में जल संग्रहण की भारी कमी दर्ज की गई है.
क्यों गिर रहा है जलस्तर?
सीडब्ल्यूसी द्वारा पिछली बार जारी आंकड़ों के बाद एक रिपोर्ट में जलाशयों के जलस्तर कम होने का कारण बताया गया था.
रिपोर्ट में लिखा था- जलाशयों में जलस्तर कम होने का मुख्य कारण पिछले वर्ष जुलाई से हुई कम वर्षा है. …लंबे समय तक सूखे की वजह से बेंगलुरु जैसे शहरों और आंध्र और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भूजल स्तर में खतरनाक रूप से गिरावट आई है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश होने से भूजल स्तर में सुधार हो सकता है.’