गुजरात: आरोपी के ट्रेन से कूदकर हिरासत से भागने के 3 साल बाद दो पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस

क़रीब तीन साल पहले सूरत ज़िला पुलिस के दो कांस्टेबल उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर ज़िले से एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करके सूरत ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में वह कथित तौर पर ट्रेन से कूदकर भाग गया. कांस्टेबलों ने इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी थी, जबकि उक्त व्यक्ति के परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस हिरासत में पीट - पीट कर मार डाला गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: सूरत जिला अदालत के बुधवार (29 मई) को सुनाए एक आदेशानुसार, पांडेसरा पुलिस के दो कांस्टेबलों पर शुक्रवार (31 मई) को हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. ये मामला लगभग तीन साल पहले का है, जब ‘हत्या के प्रयास’ से जुड़े एक आरोपी को ये दोनों पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर सूरत ला रहे थे. इसी दौरान कथित तौर पर आरोपी चलती ट्रेन से कूद कर भाग गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि कांस्टेबल संजय परमार और प्रतीक राठौड़ ने 13 अक्टूबर, 2021 को यूपी के प्रतापगढ़ जिले के खागा रामपुर गांव से आरोपी नागेंद्र गौतम को गिरफ्तार किया था. पांडेसरा पुलिस ने 10 अक्टूबर, 2021 को नागेंद्र पर सूरत में अपने बड़े भाई के बेटे की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए मामला दर्ज किया था.

एक अधिकारी ने बताया कि परमार और राठौड़ नागेंद्र को यूपी में उसके गांव से गिरफ्तार कर 13 अक्टूबर को सूरत के लिए रवाना हो गए. रास्ते में महाराष्ट्र के भुसावल स्टेशन के पास 14 अक्टूबर को नागेंद्र की हथकड़ी दैनिक क्रिया के लिए खोली गई. अचानक, उसने कांस्टेबलों को धक्का दिया और चलती ट्रेन से कूदकर भाग गया.

अधिकारी ने बताया, ‘जब दोनों कांस्टेबल सूरत लौटे, तो उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचित नहीं किया कि नागेंद्र हिरासत से भाग गया है.’ जब पांडेसरा पुलिस से पूछा गया कि नागेंद्र के बिना लौटने पर कांस्टेबलों ने क्या कहा, तो उसने इस संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया.

अधिकारी ने आगे कहा, ‘जब नागेंद्र के बड़े भाई ओमप्रकाश गौतम ने अपने भाई के बारे में जानकारी के लिए पांडेसरा पुलिस से संपर्क किया, तो कांस्टेबलों ने अपने वरिष्ठों को सूचित किया कि नागेंद्र हिरासत से भाग गया है.’

कांस्टेबलों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के अनुसार, उन्होंने 15 फरवरी 2022 को भुसावल रेलवे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.

इस बीच, जब ओमप्रकाश को पुलिस से नागेंद्र कहां हैं, इस बारे में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं मिला तो उन्होंने 13 जनवरी 2022 को आरटीआई अधिनियम के तहत एक आवेदन दायर किया, जिसमें पांडेसरा पुलिस, सूरत अपराध शाखा और पुलिस आयुक्त से जानकारी मांगी गई.

एफआईआर में कहा गया है कि 12 फरवरी 2022 को ओमप्रकाश को जवाब मिला कि नागेंद्र को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ओमप्रकाश ने 7 मार्च 2022 को सहायक पुलिस आयुक्त (एफ डिवीजन) के पास फिर से एक आवेदन दायर किया. इस बार, 11 अप्रैल को उन्हें जवाब मिला कि उनके भाई ने कांस्टेबलों को धक्का दिया और 14 अक्टूबर को महाराष्ट्र के भुसावल स्टेशन के पास चलती ट्रेन से कूद गए.

इसमें कहा गया है कि 22 अप्रैल 2022 को ओमप्रकाश ने सूरत की एक अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनके भाई को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार डाला गया है, जिसके बाद उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया. अदालत ने पुलिस से एक महीने के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. एफआईआर में कहा गया है कि पांडेसरा पुलिस इंस्पेक्टर एनके कमालिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नागेंद्र का पता नहीं चल सका और उसे मिलने की कोई संभावना नहीं है.

इसके बाद, सूरत जिला अदालत ने इस साल 29 मई को पांडेसरा पुलिस को दोनों कांस्टेबलों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया. पांडेसरा पुलिस के उप-निरीक्षक केजे वसावा की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को कांस्टेबलों पर मामला दर्ज किया गया.

एफआईआर में कहा गया है, ‘संजय परमार और प्रतीक राठौड़ ने हत्या के प्रयास के आरोपी नागेंद्र गौतम को यूपी के प्रतापगढ़ जिले से पकड़ा था और सूरत लेकर जा रहे थे… 13 अक्टूबर 2021 को संदिग्ध लापता हो गया था और पुलिसकर्मी इस मामले की जानकारी पुलिस प्रभारी को सूचित करने में विफल रहे.’

मामले की जांच कर रहे सूरत क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त बीपी रोजिया ने कहा, ‘हम नागेंद्र गौतम को ढूंढने की कोशिश करेंगे और दोनों कांस्टेबलों से पूछताछ करेंगे. हम उस जगह का भी दौरा करेंगे जहां नागेंद्र ने चलती ट्रेन से छलांग लगाई थी और अपनी टीम को यूपी में नागेंद्र के पैतृक निवास भी भेजेंगे.