नई दिल्ली: भयंकर आर्थिक असमानता से जूझ रहे भारत के दो बड़े पूंजीपतियों (गौतम अडानी और मुकेश अंबानी) के बीच ‘एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति’ होने की रेस पिछले कई वर्षों से अनवरत जारी है.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते हुए एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा फिर से हासिल कर लिया है.
111 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 92,64,15,43,50,000.00 रुपये) की कुल संपत्ति के साथ अडानी अब दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. वहीं, अंबानी 109 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में 90,97,23,26,50,000.00 रुपये) की संपत्ति के साथ 12वें स्थान पर हैं.
गौतम अडानी भारत के कई हवाई अड्डों, देश के सबसे बड़े निजी बंदरगाह, सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी फर्म, मीडिया समूह एनडीटीवी, डेटा सेंटर और कई अन्य उद्योगों के मालिक हैं.
एक दिन में अडानी की 10 कंपनियों का मार्केट कैप 84,064 करोड़ रुपये बढ़ा
अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज द्वारा अडानी समूह पर सकारात्मक रुख व्यक्त करने के बाद शुक्रवार (31 मई) को समूह की सभी कंपनियों के शेयर में 14% तक की बढ़ोतरी हुई. 31 मई को बाजार बंद होने पर अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 84,064 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे इन कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 17.51 लाख करोड़ रुपये हो गया.
61 वर्षीय अडानी 2022 में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे. तब वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होने के बावजूद उनकी निजी संपत्ति में वृद्धि हुई थी. लेकिन जनवरी 2023 में अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को जोरदार झटका लगा था.
हिंडनबर्ग ने धोखाधड़ी के लगाए थे आरोप
हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर ‘कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा’ करने का आरोप लगाया था. हिंडनबर्ग के मुताबिक, अडानी का पूरा व्यापारिक साम्राज्य ही धोखाधड़ी के माध्यम से बनाया गया. इस शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने अडानी समूह पर शेयरों के दामों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा, कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज होने की बात भी कही गई थी.
इन आरोपों के कारण अडानी की संपत्ति 120 अरब डॉलर से घटकर 39.9 अरब डॉलर रह गई थी और वह दुनिया के शीर्ष 20 अरबपतियों की सूची से बाहर हो गए थे. हालांकि, अडानी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह लगातार नुकसान को कम करने की कोशिश में लगा है और कामयाब भी हो रहा है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 2024 में अब तक अडानी की कुल संपत्ति 26.8 बिलियन डॉलर बढ़ गई है. वहीं, अंबानी की संपत्ति में 12.7 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है.
कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर बिजनेस शुरू करने वाले गुजरात के गौतम अडानी की संपत्ति में पिछले 10 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है. 2014 में अडानी की संपत्ति लगभग 5 बिलियन डॉलर थी, जो 2022 के अंत तक बढ़कर 121 बिलियन डॉलर हो गई थी. सितंबर 2022 में वह कुछ समय के लिए दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे.
अच्छे कोयले का दाम लेकर ख़राब कोयला बेचने का आरोप लगा
हाल ही में, फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में संदेह व्यक्त किया गया था कि अडानी की कंपनी ने सरकार को खराब गुणवत्ता वाला कोयला बेचा, लेकिन दाम बढ़िया गुणवत्ता वाले कोयले का लिया. सरकार बढ़िया कोयला इसलिए खरीदती है ताकि कम प्रदूषण के साथ ज्यादा बिजली का उत्पादन हो सके. वहीं, खराब गुणवत्ता वाले कोयले के इस्तेमाल से प्रदूषण और कोयले की खपत ज्यादा होती है और बिजली का उत्पादन भी प्रभावित होता है.
जून 2023 से मई 2024 तक फाइनेंशियल टाइम्स अडानी समूह के कथित कारनामों को लेकर 25 रिपोर्ट छाप चुका है. अडानी समूह के खिलाफ भारत ही नहीं, दुनिया के कई हिस्सों में आए दिन विरोध प्रदर्शन देखने को मिलता है.
आम चुनाव में भी अडानी रहे मुद्दा
आम चुनाव 2024 में विपक्ष ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अंबानी-अडानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. एक बार तो पीएम मोदी ने भी कांग्रेस पर अंबानी-अडानी से ‘टेंपो भरकर’ पैसा लेने का आरोप लगा दिया था.