वैश्विक संस्थाओं ने अमेरिका से न्यूज़क्लिक पर कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारियों पर प्रतिबंध की मांग की

दुनिया भर में पत्रकारिता की स्थिति पर निगरानी रखने वाली संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ग्वेर्निका 37 चैंबर्स ने भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में शामिल दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अमेरिका से इसलिए सिफ़ारिश की है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में प्रेस की स्वतंत्रता में बाधा डालने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का वादा किया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: दो वैश्विक संस्थाओं ने दिल्ली पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. दुनिया भर में पत्रकारों और पत्रकारिता की स्थिति पर निगरानी रखने वाली संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) और ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ‘ग्वेर्निका 37 चैंबर्स’ ने दिल्ली पुलिस पर न्यूज़क्लिक के पत्रकारों के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

दोनों संस्थानों ने दिल्ली पुलिस के चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका से आग्रह किया है. इससे पहले दोनों संगठनों ने यूरोपीय संघ से इसी प्रकार की मांग की थी.

एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, आरएसएफ और ग्वेर्निका 37 चैंबर्स ने भारत में पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई में शामिल दिल्ली पुलिस के विशेष शाखा के चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका के विदेश मंत्रालय (डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट) और वित्त मंत्रालय (डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी) से सिफारिश की है.

अमेरिका से अपील क्यों?

प्रेस विज्ञप्ति में दोनों संस्थाओं द्वारा अमेरिका से अपील करने के संबंध में कहा गया है, ‘हम अमेरिका से अपील कर रहे हैं, क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में प्रेस की स्वतंत्रता में बाधा डालने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा किया है. इस मामले में अमेरिका द्वारा तत्काल कार्रवाई पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक मजबूत संकेत देगी और भारतीय अधिकारियों को चेतावनी देगी कि पत्रकारों का दमन बंद होना चाहिए.’ बता दें कि दिल्ली पुलिस सीधे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के नियंत्रण में है.

न्यूजक्लिक पर क्या हैं आरोप?

अगस्त 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी टाइकून से पैसे मिल रहे थे, जिसका कथित तौर पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध था. इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने न्यूक्लिक के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी. हालांकि, न्यूज़क्लिक और उसके संपादकों के साथ-साथ अमेरिकी करोड़पति ने भी इन आरोपों का जोरदार खंडन किया था.

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने देश भर में 88 जगहों पर छापेमारी कर न्यूजक्लिक से जुड़े 80 कर्मचारियों, पार्ट-टाईम कर्मचारियों और फ्रीलांसर्स से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त किए थे.

न्यूजक्लिक के संपादक की गिरफ़्तारी को अवैध बता चुका है सुप्रीम कोर्ट

न्यूज़क्लिक के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी को ‘अवैध’ घोषित करने के बाद उन्हें 15 मई को रिहा कर दिया गया. न्यूज पोर्टल के एचआर डिपार्टमेंट के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में सरकारी गवाह बनने के बाद रिहा कर दिया था.

आरएसएफ साउथ एशिया डेस्क की सेलिया मर्सिएर ने कहा, ‘न्यूजक्लिक के पत्रकारों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की कार्रवाई भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर सबसे जबरदस्त हमलों में से एक है.’

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘न्यूज़क्लिक पर बिना किसी ठोस सबूत के अवैध चीनी फंडिंग लेने का आरोप लगाया गया था. लेकिन असल में उन्हें उनकी खोजी रिपोर्टिंग के लिए निशाना बनाया गया था. छापेमारी में पकड़े गए कई पत्रकारों ने अडानी समूह द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी की जांच की थी, जिसके प्रमुख (गौतम अडानी) वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य पत्रकारों को किसानों के विरोध प्रदर्शन और सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग के लिए निशाना बनाया गया.’