नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुका है. देश के 18वें लोकसभा चुनाव के लिए डाले गए मतों की गिनती मंगलवार (4 जून) सुबह आठ बजे से शुरू है. भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीएम को 292 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को 232 सीटों पर जीत मिली है.
आम चुनाव 2024 चुनाव छह सप्ताह और सात चरणों में संपन्न हुआ है, जो इसे विश्व का अब तक का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव बनाता है. 543 सदस्यीय लोकसभा के लिए मतदान 1 जून को संपन्न हुआ, जिसमें सूरत और इंदौर सीटों पर निर्विरोध जीत दर्ज की गई.
भाजपा और कांग्रेस दोनों को उम्मीद
नतीजे तय करेंगे कि भारत में अगली सरकार कौन बनाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार सत्ता में आने को लेकर आश्वस्त हैं. वहीं कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को उम्मीद है कि वे भाजपा पर भारी पड़ेंगे.
1 जून को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही सर्वे एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल जारी किए. सभी प्रमुख एग्जिट पोल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत का अनुमान लगाया है.
हालांकि, विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि एग्जिट पोल के अनुमान उलट जाएंगे और वह अगली सरकार बनाएगा. कांग्रेस को उम्मीद है कि जिन राज्यों में कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पा लेगी. ऐसे राज्यों में राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और कर्नाटक शामिल हैं. इनमें से हरियाणा और महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और बिहार में अगले साल.
अब तक सिर्फ नेहरू ही तीन बार चुने गए हैं पीएम
अगर भाजपा फिर से सत्ता में आती है, तो पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं, जो लगातार तीन बार चुने जाने वाले एकमात्र पीएम थे. नेहरू 1947 से 1964 तक (17 वर्ष) प्रधानमंत्री रहे थे.
उत्तर प्रदेश का खास महत्व
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं. केंद्र में किस पार्टी या गठबंधन की सरकार बनेगी यह तय करने में यूपी सबसे निर्णायक कारकों में से एक माना जाता है. यह चलन आजाद भारत के पहले चुनावों (1952) से ही शुरू हो गया था और आज भी जारी है. 2011 की जनगणना के अनुसार, जनसंख्या के हिसाब से भारत की आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश रहता है.
भारत के 15 प्रधानमंत्रियों में से नौ ने लोकसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश छह प्रधानमंत्रियों का जन्म स्थान भी रहा है. लोकसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री हैं: जवाहरलाल नेहरू (फूलपुर), लाल बहादुर शास्त्री (इलाहाबाद), इंदिरा गांधी (रायबरेली), चरण सिंह (बागपत), राजीव गांधी (अमेठी), वीपी सिंह (फतेहपुर), चंद्रशेखर (बलिया), अटल बिहारी वाजपेयी (लखनऊ), और नरेंद्र मोदी (वाराणसी).
जिन प्रधानमंत्रियों का जन्मस्थान उत्तर प्रदेश रहा है, वे हैं: जवाहरलाल नेहरू (इलाहाबाद), लाल बहादुर शास्त्री (मुगलसराय), इंदिरा गांधी (इलाहाबाद), चरण सिंह (मेरठ), वी.पी. सिंह (इलाहाबाद) और चंद्रशेखर (बलिया).
विधानसभा चुनाव के भी परिणाम
ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी मंगलवार (4 जून) को घोषित किए गए. ओडिशा में भाजपा (78) और आंध्रा प्रदेश में टीडीपी (135) को जीत मिली है. दो राज्यों की विधानसभाओं के लिए मतदान लोकसभा चुनाव के साथ ही हुआ था. मौजूदा आंध्र प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 11 जून को और ओडिशा का 24 जून को खत्म हो रहा है.