हिंदी प्रदेश में बड़े झटके का सामना कर रही भाजपा

उत्तर प्रदेश में कई केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट हार गए हैं, इनमें अजय मिश्रा, स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, महेंद्र नाथ पांडेय और संजीव बालियान शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: pmindia.gov.in)

नई दिल्ली: एनडीए के लिए 400 पार का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपने गढ़ हिंदी प्रदेश में झटके का सामना करना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में भाजपा की सरकार है, बावजूद इसके इन राज्यों में पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पायी.

यूपी में राम मंदिर के नाम पर वोट मांगने के बावजूद भाजपा 80 में से 40 सीटों भी नहीं जीत पायी है. वहीं इंडिया गठबंधन ने 40 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है. भाजपा को 33, सपा को 37 और कांग्रेस छह सीटों पर जीत मिली है. पूर्वी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटों पर सपा की जीत हुई है.

पिछले आम चुनाव में यूपी में एक सीट जीते वाली कांग्रेस सहारनपुर, इलाहाबाद, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और अमेठी जीत चुकी है.

पिछले आम चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा को इस बार पांच सीटों से संतुष्ट होना पड़ा है. वहीं कांग्रेस को पांच सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस की जीत वाली सीटें हैं- सिरसा, हिसार, सोनीपत, रोहतक, गुड़गांव और अंबाला.

पिछले आम चुनाव में राजस्थान की भी सभी 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. लेकिन इस बार स्थिति अलग लग रही है. भाजपा को 14 और कांग्रेस को 8 सीटों पर जीत मिली है. सीकर की सीट से सीपीएम के अमराराम की जीत हुई है. सीपीएम इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.