गोवा: कलंगुट पंचायत का प्रस्ताव- बिना होटल रिज़र्वेशन के पर्यटक गांव में प्रवेश न करें

उत्तरी गोवा में कलंगुट बीच एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. यहां की ग्राम पंचायत का कहना है कि पर्यटकों द्वारा हाल ही में हंगामा करने और गांव को बदनाम करने वाली अवैध गतिविधियों में शामिल होने की कुछ घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया गया है.

कलंगुट पंचायत ऑफिस. (फोटो साभार: Google Street View)

नई दिल्ली: उत्तरी गोवा के कलंगुट में एक पंचायत ने पर्यटकों द्वारा किए जा रहे ‘उपद्रव’ की शिकायतों से परेशान होकर गांव में प्रवेश करने से पहले यात्रियों के लिए होटल रिजर्वेशन अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है. मालूम हो कि कलंगुट बीच गोवा का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक मसौदा प्रस्ताव में पंचायत ने गांव की ओर जाने वाली सड़कों पर चेकपॉइंट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि उन पर्यटकों को रोका जा सके जिनके पास होटल रिजर्वेशन नहीं है और वे गांव की पंचायत के अधिकार क्षेत्र में प्रवेश न कर सकें.

अमूमन छुट्टियों के समय कलंगुट बीच, जो इस पंचायत के अंतर्गत आता है, में पर्यटकों की अच्छी-खासी भीड़ देखी जाती है.

कलंगुट के सरपंच जोसेफ सेक्वेरा के अनुसार, पर्यटकों द्वारा हाल ही में हंगामा करने और गांव को बदनाम करने वाली अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की कुछ घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि वेश्यावृत्ति और दलाली गांव के लिए चिंता का विषय बन गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘ये पर्यटक… एक जीप में 10 लोगों के समूह… एक दिन के लिए यहां आते हैं. वे बीच पर मौज-मस्ती करते हैं, शराब पीते हैं और हर जगह कचरा फेंकते हैं. वे अवैध गतिविधियों में शामिल होते हैं. जब वे पकड़े जाते हैं, तो वे गांव को दोषी ठहराते हैं. हमने फैसला किया है कि पर्यटकों को गांव में प्रवेश करने से पहले रिजर्वेशन करवाना चाहिए. यही बचाव का तरीका है. ’

पंचायत का प्रस्ताव कलंगुट में दो नाइट क्लब कर्मचारियों को एक पर्यटक से पैसे ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. अपनी शिकायत में गुजरात के पर्यटक ने आरोप लगाया कि संदिग्धों ने एक महिला से परिचय कराने का वादा करके उसे नाइट क्लब में ‘लुभाया’ और फिर पैसे की मांग की. इस मामले में जिला अधिकारियों ने अंततः क्लब को सील कर दिया था.

इस साल की शुरुआत में कलंगुट ग्राम पंचायत ने बीच के आसपास सक्रिय ‘दलालों’ के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करने के लिए बाउंसरों की भर्ती करने का फैसला किया था.

सेक्वेरा का मानना ​​है कि क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर ये कार्रवाई जरूरी हो गई है. उन्होंने कहा, ‘कलंगुट में 80 प्रतिशत से अधिक गेस्ट हाउस गोवा के बाहर के लोगों को किराए पर दिए गए हैं. अक्सर मालिक को इस बात की जानकारी नहीं होती कि इन गेस्ट हाउस के परिसर में क्या हो रहा है, क्या कोई स्पा अवैध रूप से चल रहा है या इसका इस्तेमाल अनैतिक तस्करी के लिए किया जा रहा है. अगर आप विदेश जाते हैं, तो एयरपोर्ट पर वे पूछते हैं कि आप कहां ठहरे हैं. कुछ शहरों में यात्रियों को गाड़ी ले जाने एंट्री टैक्स देना पड़ता है… और वे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे हैं.’

सरपंच के अनुसार, मसौदा प्रस्ताव अब डिप्टी कलेक्टर को भेजा जाएगा और आगे की कार्रवाई तभी की जाएगी जब इसे उच्च अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘यह रातोंरात नहीं होगा. यह राज्य सरकार द्वारा किया जाना है, पंचायत द्वारा नहीं. लेकिन हमने निर्णय ले लिया है.’

हालांकि, कलंगुट के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव लाना असंवैधानिक होगा.

उनका कहना है, ‘कोई भी पर्यटकों के प्रवेश या आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता. अगर कुछ भी अवैध हो रहा है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित किया जाना चाहिए. मैं समझ सकता हूं कि जब कुछ पर्यटक उपद्रव करते हैं, खासकर शराब पीने के बाद, और उससे वहां के रहवासी परेशान हो जाते हैं, लेकिन इस तरह का प्रस्ताव नहीं लगाया जा सकता.’

उन्होंने कहा, ‘पंचायत कूड़ा फैलाने पर कठोर जुर्माना लगा सकती है या यदि यह चिंता का विषय है तो पर्यटकों के लिए पार्किंग के लिए क्षेत्र निर्धारित कर सकती है.’