छत्तीसगढ़: मवेशी ले जा रहे दो लोग मृत पाए गए; परिजनों का लिंचिंग का आरोप

ऐसा बताया जा रहा है कि हत्या गोतस्करी के संदेह में की गई है. एक कथित वायरल वीडियो में मृतकों के एक साथी को घायल अवस्था में यह कहते देखा जा सकता है कि 14-15 लोगों ने उन पर हमला किया था और शवों को पुल से नीचे फेंक दिया. मृतकों की पहचान गुड्डू खान और चांद मियां के रूप में हुई है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में मवेशी ले जा रहे दो लोगों को अज्ञात लोगों द्वारा कथित तौर पर पीछा किए जाने के बाद शुक्रवार सुबह मृत पाया गया. पुलिस ने बताया है कि दोनों के शव पुल के नीचे चट्टानों पर पड़े मिले, जबकि एक मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनकी पीट-पीटकर हत्या की गई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि उनके साथ मौजूद एक तीसरा व्यक्ति घायल अवस्था में पाया गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतकों की पहचान गुड्डू खान (35) और चांद मिया खान (23) के रूप में हुई है, जबकि घायल की पहचान सद्दाम कुरैशी (23) के रूप में हुई है. कुरैशी और चांद चचेरे भाई थे और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के निवासी थे, जबकि गुड्डू उत्तर प्रदेश के शामली जिले का रहने वाला था.

आरंग क्षेत्र की पुलिस, जिसके अधिकार क्षेत्र में यह घटना हुई, ने कहा कि वे कुरैशी का बयान दर्ज करेंगे ताकि यह बेहतर तरीके से समझा जा सके कि क्या हुआ था. फिलहाल उनकी हालत गंभीर है.

रायपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने कहा, ‘हमें सूचना मिली थी कि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे थे, जिसके बाद वे महानदी पुल के नीचे पड़े मिले. सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंची. उनमें से एक की मौत हो गई थी, जबकि दो को महासमुंद के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां एक और की मौत हो गई. तीसरा रायपुर शहर के एक अस्पताल में गंभीर हालत में है.’

उन्होंने कहा, ‘पुल पर मवेशियों के साथ एक वाहन पाया गया. दोनों व्यक्तियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. हम मार्ग पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं. अभी तक हमारे पास यह कहने के लिए कोई सबूत नहीं है कि यह भीड़ द्वारा हत्या का मामला है. तीनों का पीछा करने वालों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या शवों पर बाहरी चोटें थीं, राठौर ने कहा, ‘हां, लेकिन वे लगभग 30 फीट की ऊंचाई से पुल से नीचे पत्थरों पर गिरे. हमारे लिए यह पहचानना मुश्किल है कि क्या सभी चोटें गिरने से लगीं या कुछ गिरने से पहले लगी थीं. केवल डॉक्टर ही स्पष्ट कर सकते हैं कि चोटें कैसे आईं.’

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में घायल व्यक्ति कह रहा है कि 14-15 लोगों ने उन पर हमला किया था, उनमें से दो को पीट-पीटकर मार डाला गया और उनके शवों को पुल से नदी के किनारे फेंक दिया गया. इसके अलावा, कुरैशी ने कहा कि उसने खुद को बचाने के लिए उसी पुल से छलांग लगा दी थी.

अखबार के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि 15-20 गोरक्षकों को संदेह था कि ट्रक चालक गायों की तस्करी कर रहे हैं और रायपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर महासमुंद-आरंग रोड पर पटेवा से छत्तीसगढ़ में पंजीकृत ट्रक का पीछा किया. उन्होंने रात 2-3 बजे के आसपास महानदी नदी पर एक पुल पर तीनों लोगों को रोकने के बाद उन पर हमला किया. सूचना मिलने के एक घंटे के भीतर ही पुलिस पहुंच गई.

सूत्रों ने कहा कि मारे गए लोगों में से एक के शरीर में कई फ्रैक्चर थे, एक पैर टूटा हुआ था. एफआईआर दर्ज कर ली गई है.

परिजनों का आरोप उन्हें पीट-पीटकर मारा गया

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कुरैशी और चांद के एक चचेरे भाई ने दावा किया कि दोनों ने शुक्रवार को सुबह 2 से 4 बजे के बीच घर पर फोन किया था, जब कथित तौर पर उन पर हमला किया जा रहा था. उनके अनुसार, कुरैशी द्वारा की गई एक कॉल 47 मिनट तक चली, जिसके दौरान उन्हें मदद के लिए चिल्लाते हुए, उन पर हमला न करने की विनती करते हुए और पानी मांगते हुए सुना जा सकता था.’

चचेरे भाई ने दावा किया कि पहला फोन चांद से रात करीब 2 बजे आया था, जिसने कहा कि उनकी गाड़ी को रोक लिया गया है और उन्हें पीटा जा रहा है. दूसरा फोन कुरैशी से सुबह करीब 3 बजे आया था. उन्होंने कहा कि सुबह करीब 5 बजे एक पुलिस अधिकारी ने चांद के फोन का जवाब दिया और परिवार को बताया कि वह मर चुका है.

उन्होंने दावा किया, ‘कुरैशी हेल्पर था. उसने फोन किया और फोन अपनी जेब में रख लिया. वह चिल्ला रहा था कि उसका हाथ और पैर टूट गया है. वह विनती कर रहा था, ‘भैया पानी पिला दो एक घूंट. मारो मत बस पानी पिला दो.’ उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ लोगों को उससे पूछते हुए भी सुना, ‘कहां से लाए हो…छोड़ेंगे नहीं.’

उन्होंने दावा किया, ‘इससे पहले चांद ने कुछ देर के लिए फोन किया था. उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी को रोक लिया गया है और उन पर हमला किया जा रहा है. फिर किसी ने उनका फोन छीन लिया… हमने उस समय पुलिस को फोन नहीं किया क्योंकि हमें नहीं लगा कि यह इस हद तक बढ़ जाएगा… हम चांद के नंबर पर कॉल करते रहे लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. आखिरकार, सुबह 5 बजे के आसपास एक पुलिस अधिकारी ने फोन उठाया और कहा कि वह मर चुका है. हमें नहीं पता था कि वे किस काम से गए थे, हमें बस इतना पता था कि चांद एक ड्राइवर है.’

चचेरे भाई के दावों के बारे में पूछे जाने पर राठौर ने कहा, ‘अभी तक हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. हम कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच करेंगे ताकि पता चल सके कि पीड़ितों ने किस-किस से बात की और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे. हम परिवार के सदस्यों के भी बयान दर्ज करेंगे.’