मध्य प्रदेश: लोकसभा चुनाव में उतरे 369 उम्मीदवारों में से 311 की ज़मानत ज़ब्त

मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा सहित राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस के वोट शेयर में 2019 की तुलना में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इसके किसी भी उम्मीदवार की ज़मानत ज़ब्त नहीं हुई.

(प्रतीकात्मक फोटो: फेसबुक)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा सहित राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि मैदान में कुल 369 उम्मीदवारों में से 311 की जमानत जब्त हो गई.

इसका मतलब है कि 84 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी 29 सीटों पर जीत के साथ भाजपा मध्य प्रदेश में 40 साल बाद ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई. 26 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की जीत का अंतर 1 लाख से 5 लाख वोटों के बीच रहा, जबकि भिंड, ग्वालियर और मुरैना निर्वाचन क्षेत्रों में यह अंतर 1 लाख से कम रहा.

भाजपा को 59.3 प्रतिशत वोट मिले, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में लगभग 1.3 प्रतिशत अधिक है.

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि भाजपा के सभी 29, कांग्रेस के 27 और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो उम्मीदवारों सहित कुल 369 उम्मीदवारों में से 58 ने अपनी जमानत नहीं गंवाई.

हालांकि, इस बार कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इससे किसी भी उम्मीदवार की जमानत नहीं जब्त हुई. इसका वोट शेयर 2019 के 34.5 प्रतिशत से घटकर 32.4 प्रतिशत हो गया.

एक अन्य चुनाव आयोग अधिकारी के अनुसार, एक उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा हिस्सा हासिल करना होता है.

सबसे शानदार जीत इंदौर से भाजपा के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी ने दर्ज की, जिन्होंने संभावित रूप से अब तक के सबसे बड़े अंतर 11,75,092 मतों से सीट जीती.

कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार अक्षय कांति बाम के भाजपा में शामिल होने के बाद इंदौर सीट पर चुनाव नहीं लड़ा. इंदौर में अन्य सभी 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सोलंकी ने 51,659 वोट हासिल किए और इंदौर में तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई.

इंदौर लोकसभा सीट में दूसरे स्थान पर नोटा रहा जिसे 2,18,674 वोट पड़े और यह किसी लोकसभा चुनाव के सर्वाधिक वोट हैं.

चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में 12,500 रुपये रखने होते हैं, जबकि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25,000 रुपये देने होते हैं.

उन्होंने कहा कि जब्त की गई जमानत राशि की कुल राशि का पता लगाना मुश्किल है.

बसपा के दो उम्मीदवार- सतना से नारायण त्रिपाठी और मुरैना से रमेश गर्ग- अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. त्रिपाठी को 1.85 लाख से अधिक वोट मिले, जबकि गर्ग को 1.79 लाख से अधिक वोट मिले.