कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया

कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जिन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन ख़राब रहा है, वहां एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इसके कारणों की जांच करेगी और कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी.

कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक. (फोटो साभार: एक्स/@INCIndia)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद शनिवार (8 जून) को राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की पहली विस्तारित कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस की आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.

इस बैठक में राहुल गांधी को नेता विपक्ष चुने जाने को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया. हालांकि, राहुल गांधी ने इस बारे में सोच-विचार करने के लिए समय मांगा है.

मालूम हो कि लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है. लोकसभा प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत यानी 54 सीटें होनी चाहिए. दूसरे नबंर की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें ही मिली थीं, जिसके चलते ये पद बीते दस सालों से खाली ही रहा.

बैठक में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के कई अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए. बैठक में खरगे ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पार्टी को शहरी मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करनी होगी. पार्टी सत्ता में हो या नहीं, लेकिन नेताओं, कार्यकर्ताओं को निरंतर काम करते रहना है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे, 365 दिन लोगों के बीच रहना होगा.

द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, खरगे ने कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से देशभर में फैले कांग्रेस पार्टी के नेताओं और करोड़ों कार्यकर्ताओं का उनके अथक परिश्रम और दृढ़ संकल्प के लिए धन्यवाद किया.

पार्टी अध्यक्ष खरगे ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जहां-जहां से ये यात्रा गुजरी, वहां पर कांग्रेस पार्टी के वोट प्रतिशत और सीटों में बढ़ोतरी हुई. मणिपुर जहां से न्याय यात्रा शुरू हुई, वहां हम दोनों सीटें जीते. नगालैंड, असम, मेघालय जैसे उत्तर-पूर्व के कई राज्यों में हमे सीटें मिली. महाराष्ट्र में हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे. देशभर में कांग्रेस पार्टी को लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए लोगों का अपार समर्थन मिला.’

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमने लोकसभा चुनाव में अपने कैंपेनिंग और अपनी गारंटी स्कीम की समीक्षा की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमारे नेताओं को ईडी-सीबीआई के जरिए ब्लैकमेल कर रही थी. हमारे खाते फ्रीज कर दिए गए. इसके बावजूद हमने पूरे दमखम से चुनाव लड़ा. हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक कोई डरा नहीं.

वेणुगोपाल ने आगे कहा, ‘बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी से लोकसभा में नेता विपक्ष बनने का अनुरोध किया. सभी सदस्यों ने एकमत होकर कहा कि राहुल गांधी इस पद के लिए सबसे उचित व्यक्ति हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी संसद के अंदर दमदार तरीके से सरकार की गलत नीतियों का विरोध करेगी.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी के लिए व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार है. ये जीत देश की जनता की जीत है, किसानों, युवाओं, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं की जीत है. ये जीत संविधान को सुरक्षित रखने की है.

जयराम रमेश ने आगे बताया कि जिन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है, वहां के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इसके कारणों की जांच करेगी. यह कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी.

इसके अलावा पार्टी की बैठक में ये भी कहा गया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जो भी वादे किए हैं, उसे पूरा कराने की वो पूरी कोशिश करेगी. भले ही वो सत्ता में नहीं, बल्कि विपक्ष में बैठने जा रही है.