नई दिल्ली: मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने रविवार (9 जून) को महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जो बीड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा उम्मीदवार को वोट नहीं देने पर मराठाओं पर हमला कर रहे हैं.
द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, अंतरवाली सारथी गांव में अपने अनिश्चितकालीन अनशन के दूसरे दिन पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा कि बीड जिले के कुछ गांवों में मराठा समुदाय के लोगों पर भाजपा की पंकजा मुंडे को वोट नहीं देने के लिए हमला किया जा रहा है, जो हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के उम्मीदवार बजरंग सोनावणे से हार गई थीं.
उन्होंने गृहमंत्री और बीड के पुलिस अधीक्षक से ऐसी हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की और मराठा युवाओं से शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया.
जरांगे ने कहा कि मराठा हितों का विरोध करने वाले नेताओं को आगामी विधानसभा चुनावों में परिणाम भुगतने होंगे.
मालूम हो कि जरांगे शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. वह मराठा समुदाय के सदस्यों के सभी रक्त संबंधियों (रिश्तेदारों) को कुनबी के रूप में मान्यता देने वाली मसौदा अधिसूचना को लागू करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही, कुनबी को मराठा के रूप में पहचान दिलाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
कुनबी एक कृषि प्रधान समूह है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे आरक्षण का लाभ पाने के लिए पात्र बन सकें.
जरांगे ने मराठों को सलाह दी कि वे खेती पर ध्यान केंद्रित करें, खासकर जब बुआई का मौसम चल रहा है, और उनके समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर न आएं.
इस बीच, अंतरवाली सारथी गांव की ग्राम पंचायत ने जरांगे के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
ग्रामीणों के एक समूह ने इससे पहले जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें सांप्रदायिक सद्भाव के लिए संभावित खतरे का हवाला देते हुए गांव में जरांगे के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया गया था.
इससे पहले जरांगे ने 10 से 26 फरवरी के बीच आरक्षण मुद्दे पर आंदोलन किया था. इस संबंध में 20 फरवरी को महाराष्ट्र विधानमंडल ने सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक भी पारित किया था.