छत्तीसगढ़: सतनाम पंथ का विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ, कलेक्टर कार्यालय में आगजनी

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाज़ार ज़िले में सतनामी समुदाय द्वारा 24 दिनों से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद सोमवार को कई वाहनों और एक सरकारी इमारत में आग लगा दी गई. समुदाय इसके द्वारा पवित्र माने जाने वाले 'जैतखाम' में तोड़फोड़ की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.

हिंसा के दौरान जलाए गए वाहन. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समुदाय द्वारा 24 दिनों से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद सोमवार को कई वाहनों और एक सरकारी इमारत में आग लगा दी गई.

मालूम हो कि समुदाय के पूजा स्थल में जैतखंभ तोड़फोड़ की घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग को लेकर यह विरोध प्रदर्शन हो रहा था. ‘जैतखंभ’ (जैतखाम) सतनाम पंथ के लिए धार्मिक महत्व रखता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों को मौके पर जाने का आदेश दिया है और घटना पर रिपोर्ट मांगी है.

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि परिसर में स्थित जिला एसपी कार्यालय के एक हिस्से में भी आग लगा दी गई. उग्र भीड़ पिछले महीने गिरौदपुरी गांव में जैतखाम को अपवित्र किए जाने की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. संप्रदाय द्वारा पवित्र माने जाने वाले इस स्तंभ को 16 मई की सुबह तोड़ दिया गया था. पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

गौरतलब है कि सतनाम पंथ छत्तीसगढ़ के 19वीं सदी के धार्मिक प्रमुख घासीदास द्वारा स्थापित एक धार्मिक आंदोलन है. इस संप्रदाय में ज्यादातर दलित शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, सोमवार की आगजनी में शामिल भीड़ एक विरोध रैली का हिस्सा थी, जो सोमवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय की ओर जा रही थी. हालांकि, पुलिस ने उपद्रव की आशंका में बैरिकेड्स लगा रखे थे, लेकिन भीड़ ने कथित तौर पर उन्हें तोड़ दिया और कलेक्टर कार्यालय में घुसने से पहले एसपी कार्यालय के कर्मचारियों के साथ मारपीट की.

सूत्रों ने बताया कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. एसपी कार्यालय के एक हिस्से और कुछ वाहनों के अलावा घटनास्थल पर भेजी गई एक दमकल गाड़ी को भी कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया गया.

यह घटना उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा पिछले महीने हुई तोड़फोड़ की न्यायिक जांच का वादा करने के एक दिन बाद हुई है.

उन्होंने रविवार को मीडिया से कहा था, ’15 और 16 मई की रात को अमर गुफा में प्रतिष्ठित जैतखाम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार, इस घटना की न्यायिक जांच की जाएगी, जिसने सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ा है.’

इस बीच, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बलौदाबाजार के महानिरीक्षक और कमिश्नर को तुरंत मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है. मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया गया है, घटना की प्रारंभिक जानकारी ली गई है और रिपोर्ट मांगी गई है.’

तनाव के बीच प्रशासन ने धारा 144 लगाई

स्थानीय खबरों के मुताबिक, हिंसा के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है. इसी बीच, बलौदाबाजार जिला प्रशासन ने शहर में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगाने के लिए सीआरपीसी धारा 144  लागू कर दी है.

अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश सोमवार रात नौ बजे से इस महीने की 16 तारीख को मध्यरात्रि 12 बजे तक जारी रहेगा.

बलौदाबाजार में सतनामी समाज के बवाल के बाद उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री दयाल दास बघेल और टंकराम वर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल का जायजा लेने कलेक्टररेट परिसर पहुंचे थे.

पुलिस का कहना है कि उनके पास विरोध और हिंसा के वीडियो फुटेज हैं. जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हिंसा में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है.