कुवैत की इमारत में आग लगने से चालीस भारतीय श्रमिकों समेत 49 लोगों की मौत

यह घटना कुवैत सिटी के दक्षिण में स्थित मंगाफ इलाके में हुई, जहां प्रवासी श्रमिकों की काफी आबादी है. जिस छह मंज़िला इमारत में आग लगी, उसमें क़रीब 200 श्रमिक रह रहे थे.

कुवैत में भारतीय राजदूत ने उस अस्पताल का दौरा किया जहां मंगाफ अग्निकांड में घायल हुए 30 भारतीय श्रमिकों को भर्ती कराया गया है. (फोटो साभार: X/@indembkwt)

नई दिल्ली: कुवैत सिटी के पास एक अपार्टमेंट की इमारत में आग लगने से बुधवार सुबह कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 40 भारतीय नागरिक हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना कुवैत सिटी के दक्षिण में स्थित मंगाफ इलाके में हुई, जहां प्रवासी श्रमिकों की काफी आबादी है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस छह मंजिला इमारत में आग लगी, उसमें करीब 200 श्रमिक रह रहे थे.

कुवैत टाइम्स ने आंतरिक मंत्रालय के आपराधिक साक्ष्य विभाग के प्रमुख मेजर जनरल ईद अल-ओवैहान के हवाले से कहा, ‘दुर्भाग्य से हमें मंगाफ इलाके में सुबह ठीक 6:00 बजे (0300 GMT) आग लगने की सूचना मिली.’

घटनास्थल पर मौजूद ओवैहान ने बताया, ‘मेरे पीछे वाली इमारत में मरने वालों की संख्या अब तक 35 से अधिक हो चुकी है.’

कुवैत के आंतरिक मंत्रालय ने बाद में मृतकों की संख्या 49 बताई और भारतीय अधिकारियों ने कहा कि करीब 40 भारतीय हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह आग में घायल हुए भारतीयों की सहायता की निगरानी करने और मृतकों के पार्थिव शरीर को शीघ्र स्वदेश वापस लाने के लिए कुवैत के लिए रवाना होंगे.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से अधिकांश की हालत स्थिर है.

द मिंट के अनुसार, राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, ‘बुधवार रात हमारे पास जो ताजा आंकड़े आए, उनमें हताहतों की संख्या लगभग 48-49 है, जिनमें से 42 या 43 भारतीय बताए जा रहे हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, कथित तौर पर इस घटना में 11 केरल वासियों सहित 41 भारतीयों की जान चली गई.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कुवैत अग्निकांड में जान गंवाने वाले दो भारतीय मृतकों की पहचान हुई है – ल्यूकोस (48) और साजन जॉर्ज (29)  जो केरल के कोल्लम शहर के रहने वाले थे.

अरब टाइम्स ने बताया कि मृतकों में से अधिकांश 20 से 50 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक थे, जो एक निजी कंपनी में काम करते थे. रिपोर्ट में बताया गया कि इमारत में 195 से अधिक श्रमिक रहते हैं, जिनमें मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारत के भारतीय हैं.

जनरल फायर फोर्स में जनसंपर्क निदेशक ब्रिगेडियर जनरल मुहम्मद अल-गरीब ने कहा कि शुरुआती आंकड़े कई लोगों के मरने और घायल होने का संकेत देते हैं. घनी आबादी वाले इस श्रमिक भवन में लगी आग की सूचना अग्निशमन विभाग को दी गई और उस पर तुरंत काबू पा लिया गया. अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं, क्योंकि घटना के समय निवासी सो रहे थे.

अरब टाइम्स ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों को बाहर भी निकाला गया.

कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि घायलों को कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया है – उनमें से 21 को अल-अदन अस्पताल, 11 को मुबारक अस्पताल, छह को फरवानिया अस्पताल और एक को अल-अमीरी भेजा गया.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, कुवैत के प्रथम उपप्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसेफ ने मुबारक अल-कबीर और अहमदी के गवर्नरों के साथ आग स्थल का दौरा किया और इमारत के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया.

स्थानीय मीडिया के अनुसार, कुवैत नगर पालिका के महानिदेशक इंजीनियर सऊद अल-डब्बूस ने कई प्रमुख अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मानवाधिकार समूह कई बार कुवैत में प्रवासियों के जीवन स्तर को लेकर सवाल उठा चुके हैं.