कर्नाटक: हाईकोर्ट ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व सीएम येदियुरप्पा की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई

करीब तीन महीने पहले एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा पर उनकी 17 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस मामले में बेंगलुरु की एक अदालत द्वारा ग़ैर-ज़मानती अरेस्ट वॉरंट जारी किया था, पूर्व सीएम ने हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत की मांग की थी.

भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा (फेसबुक/BS Yediyurappa)

नई दिल्ली: एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण से संबंधित मामले में बेंगलुरु की एक अदालत द्वारा गुरुवार को उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वॉरंट जारी किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा नई दिल्ली में किसी ‘अज्ञात’ स्थान पर चले गए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तारी से 17 जून तक संरक्षण प्रदान किया. अदालत ने निर्देश दिया कि वरिष्ठ भाजपा नेता को 17 जून को जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होना होगा.

जस्टिस एस कृष्ण दीक्षित, जिन्होंने येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने की आवश्यकता पर सवाल उठाया और कहा कि, ‘वह भागने वाले कोई टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं.’

येदियुरप्पा ने हाईकोर्ट में मामले को लेकर दो याचिकाएं दायर की थी. एक याचिका में उन्होंने आईपीसी और पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी. एक अन्य याचिका में उन्होंने मामले में उनकी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए उन्हें अग्रिम जमानत देने के लिए हाईकोर्ट से अनुरोध किया था.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, लिंगायत समुदाय के येदियुरप्पा मंगलवार रात को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे और अपने बेटे और शिमोगा के सांसद बीवाई राघवेंद्र के साथ पंडित पंत मार्ग स्थित उनके आवास पर ठहरे. बुधवार दोपहर तक वे अज्ञात स्थान के लिए निकल गए थे. ज्ञात जानकारी के अनुसार अब राघवेंद्र के निजी स्टाफ के अलावा घर पर कोई और नहीं है.

येदियुरप्पा के लौटने की उम्मीद में मीडिया रिपोर्टर गुरुवार को पूरे दिन बाहर इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु की अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र और फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी-1) द्वारा जारी गिरफ्तारी वॉरंट के बाद भाजपा नेता की गिरफ्तारी हो सकती थी.

अधिकारी ने आगे की जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा, ‘जांच दल को वॉरंट मिल गया है और वह इस पर अमल करेगा। साथ ही, इस पर निर्णय लिया जाएगा कि उनके (बेंगलुरू) लौटने का इंतजार किया जाए या नहीं.’

यह घटनाक्रम करीब तीन महीने पहले 54 वर्षीय महिला द्वारा येदियुरप्पा पर उत्तरी बेंगलुरू के डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने घर में उनकी 17 वर्षीय बेटी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप से जुड़ा हुआ है.

सदाशिवनगर पुलिस ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए दंड) और आईपीसी की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया है. येदियुरप्पा ने आरोप से इनकार किया है.

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने मामले को सीआईडी ​​को सौंप दिया है. जांच एजेंसी ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत महिला और उसकी बेटी के बयान दर्ज किए और येदियुरप्पा की आवाज के नमूने एकत्र किए. 10 जून को सीआईडी ​​ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, हालांकि येदियुरप्पा द्वारा अधिक समय मांगे जाने के बाद इसने गिरफ्तारी वॉरंट के लिए अदालत का रुख किया.

एक अन्य वरिष्ठ पुलिस सूत्र ने कहा कि सीआईडी ​​ने ‘बदली हुई परिस्थितियों’ में अदालत का रुख किया.

सूत्र ने कहा, ‘भले ही पूर्व मुख्यमंत्री पर जिन अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है, उनमें आम तौर पर सात साल से कम की सजा होती है और ऐसे मामलों में गिरफ्तारी भी नहीं होती है, लेकिन गिरफ्तारी वॉरंट के लिए आवेदन बदली हुई परिस्थितियों में किया गया.’

शिकायत क्या है?

बीते 14 मार्च को लड़की की मां ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में कहा कि वह और उसकी बेटी 2 फरवरी को यौन शोषण के पिछले मामलों में सहायता मांगने के लिए येदियुरप्पा से मिलने गई थीं. वह चाहती थीं कि वे जांच को विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपने में मदद करें.

उसने आरोप लगाया, ‘हम अपनी बेटी, जो बलात्कार की शिकार है, को न्याय दिलाने में मदद मांगने के लिए येदियुरप्पा के घर गए थे. उन्होंने कुछ मिनट तक हमारी बातें सुनीं और फिर मेरी बेटी को एक कमरे में ले गए और उसके साथ छेड़छाड़ की.’ उन्होंने यह भी कहा कि वह डर के कारण पुलिस से संपर्क करने में देरी कर रही थी.

सूत्रों ने शिकायतकर्ता के हवाले से बताया कि येदियुरप्पा ने कमरे से निकलने से पहले नाबालिग को कुछ कैश दिया और उनके एक सहयोगी ने उसका वीडियो डिलीट कर दिया, जिसे उसने रिकॉर्ड किया था.

डेक्कन हेराल्ड को पता चला कि सीआईडी ​​ने लड़की और उसकी मां को कथित तौर पर दिए गए 35,000 रुपये नकद, एक कैश बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं.

सीआईडी ​​ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 204 (सबूत के तौर पर पेश होने से रोकने के लिए दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना) और 214 (अपराधी की जांच के लिए उपहार या संपत्ति की बहाली की पेशकश) को जोड़ा है.

26 मई को लड़की की मां की ‘फेफड़ों की जटिलताओं’ के कारण बेंगलुरु के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.

शिकायतकर्ता के बेटे ने हाईकोर्ट का रुख किया

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता की शिकायत दर्ज कराने के बाद मृत्यु हो गई, इसलिए उनके बेटे ने हाईकोर्ट का रुख कर सीआईडी ​​को येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने और उनसे पूछताछ करने के निर्देश देने की मांग की है.

उन्होंने कोर्ट से जांच एजेंसी को मामले से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज, मेमोरी कार्ड, हार्डडिस्क आदि सहित सभी डिजिटल सामग्री एकत्र करने के निर्देश जारी करने की भी अनुरोध किया है.

उन्होंने विनती की है कि जांच एजेंसी को जांच में तेजी लाने और एक महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश भी दिया जाना चाहिए. याचिका पर जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है.