राजस्थान: स्वास्थ्य विभाग ने एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाले इस्तेमाल के लिए ‘असुरक्षित’ पाए

राजस्थान सरकार ने कई मसालों के नमूनों की जांच की थी और पाया गया कि एवरेस्ट मसाला मिश्रण का एक बैच और एमडीएच के दो मसाले असुरक्षित हैं. ये दोनों ब्रांड वैश्विक स्तर पर भी जांच का सामना कर रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: pixabay)

नई दिल्ली: राजस्थान के अधिकारियों ने केंद्र को एक पत्र लिखा है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एमडीएच और एवरेस्ट जैसे ब्रांडों द्वारा निर्मित कुछ मसालों को परीक्षण के बाद इस्तेमाल के लिए ‘असुरक्षित’ पाया है.

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान सरकार ने कई मसालों के नमूनों की जांच की थी और पाया गया कि एवरेस्ट मसाला मिश्रण का एक बैच और एमडीएच के दो मसाले असुरक्षित हैं. राजस्थान की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य, शुभ्रा सिंह ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उजागर किया है.

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब दोनों ब्रांड वैश्विक स्तर पर भी जांच का सामना कर रहे हैं.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अप्रैल में हांगकांग ने एमडीएच द्वारा निर्मित तीन प्रकार के मसालों और एवरेस्ट के एक मसाले की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया था, क्योंकि उनमें एथिलीन ऑक्साइड की उच्च मात्रा थी, जो कैंसर का कारण बनने वाला कीटनाशक है.

इसके बाद भारत में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दोनों ब्रांडों के और नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं.

हांगकांग के बाद सिंगापुर में भी अधिकारियों ने एवरेस्ट मिक्स को वापस मंगाने का आदेश दिया है. वहीं, न्यूजीलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं. ब्रिटेन ने भारत से आयात किए जाने वाले मसालों पर अतिरिक्त नियम लागू किए हैं.

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसालों का निर्यातक, उत्पादक और उपभोक्ता है. एमडीएच और एवरेस्ट दोनों ने कहा है कि उनके मसाले, जो दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं और भारत में बेहद लोकप्रिय हैं, खाने के लिए सुरक्षित हैं.

रॉयटर्स ने राजस्थान सरकार के एसीएस सिंह द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला दिया है, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि गुजरात और हरियाणा सरकारों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि दोनों ब्रांडों के मसाले इन दोनों राज्यों में निर्मित होते हैं.