नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 45 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.
29 नंवबर, 2010 को रॉय और हुसैन के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, हालिया अनुमति उसी के संबंध में दी गई है.
Delhi LG, VK Saxena has sanctioned the prosecution of Arundhati Roy and former Professor of International Law in Central University of Kashmir, Dr. Sheikh Showkat Hussain. The FIR in the matter was registered on a complaint made by Sushil Pandit on 28.10.2010. Roy and Hussain had… pic.twitter.com/HzvVcCayg7
— ANI (@ANI) June 14, 2024
दिल्ली पुलिस ने पहले भी मांगी थी अनुमति
दिल्ली पुलिस ने पहले भी रॉय और हुसैन के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 504, 505 और यूएपीए की धारा 13 के तहत अभियोजन की मंजूरी मांगी थी, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में एलजी ने केवल आईपीसी की धाराओं के लिए मंजूरी दी थी.
इस बार उन्होंने यूएपीए की धाराओं के तहत भी अभियोजन की मंजूरी दी है.
क्या थी शिकायत
दिल्ली के तिलक मार्ग थाने के प्रभारी को यह शिकायत कश्मीर के एक सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित ने 2010 में दर्ज करवाई थी, जिनका आरोप था कि उसी साल 21 अक्टूबर को ‘कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिज़नर्स’ के बैनर तले हुए ‘आज़ादी’ नाम के सम्मेलन में वक्ताओं ने ‘भड़काऊ भाषण’ दिए थे और ऐसे मुद्दों पर चर्चा की गई थी, जिनका मकसद ‘कश्मीर को भारत से अलग करना’ था.
उनके अनुसार ये भाषण ‘भड़काऊ’ प्रकृति के थे, जिससे सार्वजनिक शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी.
शिकायतकर्ता ने इस कार्यक्रम में उनके भाषणों की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई थी. कार्यक्रम में दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, दिल्ली विश्वविद्यालय के दिवंगत शिक्षक एसएआर गिलानी और कवि वरवर राव भी शामिल हुए थे. एसएआर गिलानी ने इस सम्मेलन में मंच संचालन किया था.
शिकायतकर्ता के अनुसार, रॉय और हुसैन ने प्रचार किया था कि कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था और भारतीय सेना ने उस पर जबरन कब्जा किया था, और कश्मीर की आजादी के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए.