नई दिल्ली: तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज एलन मस्क द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर दिए गए एक बयान का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया था कि भारतीय ईवीएम पूरी तरह से ‘सुरक्षित’ हैं. हालांकि, रविवार (16 जून) को मस्क ने उनके दावे को खारिज कर दिया.
सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर और एलन मस्क के बीच चर्चा तब शुरू हुई जब मस्क ने शनिवार को एक्स पर कहा, ‘हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए.’ ऐसा उन्होंने प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में ईवीएम से संबंधित मतदान अनियमितताओं पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट कैनेडी जूनियर के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा.
स्पेसएक्स, टेस्ला और एक्स (पूर्व में ट्वीटर) के मालिक ने कहा, ‘इंसान या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है.’
We should eliminate electronic voting machines. The risk of being hacked by humans or AI, while small, is still too high. https://t.co/PHzJsoXpLh
— Elon Musk (@elonmusk) June 15, 2024
इसी बीच, एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में चंद्रशेखर ने मस्क को टैग करते हुए लिखा कि, ‘यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्यीकरण कथन है, जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है. यह कहना गलत है.’
उन्होंने आगे कहा कि मस्क का विचार अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूट प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन भारतीय ईवीएम कस्टम डिज़ाइन है, और यह सुरक्षित है तथा किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग है. इसमें कोई कनेक्टिविटी नहीं होती, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं होता. यानी इसमें कोई रास्ता ही नहीं है, जिसके माध्यम से इसमें छेड़छाड़ की जाए.’
This is a huge sweeping generalization statement that implies no one can build secure digital hardware. Wrong. @elonmusk ‘s view may apply to US n other places – where they use regular compute platforms to build Internet connected Voting machines.
But Indian EVMs are custom… https://t.co/GiaCqU1n7O
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) June 16, 2024
चंद्रशेखर को जवाब देते हुए मस्क ने कहा, ‘कुछ भी हैक किया जा सकता है.’
अब दिलचस्प बात यह है कि पूर्व मंत्री मस्क के इस कथन से सहमत थे कि ‘कुछ भी हैक किया जा सकता है.’
हालांकि, उन्होंने यह भी दोहराया कि ईवीएम के सुरक्षित और विश्वसनीय होने से संबंधित बातचीत अलग है.
मस्क के पोस्ट के जवाब में चंद्रशेखर ने लिखा, ‘तकनीकी रूप से आप सही हैं, कुछ भी संभव है. उदाहरण के लिए, क्वांटम गणना के साथ मैं किसी भी स्तर के एन्क्रिप्शन को डिक्रिप्ट कर सकता हूं, प्रयोगशाला स्तर की तकनीक और बहुत सारे संसाधनों के साथ मैं जेट के ग्लास कॉकपिट के उड़ान नियंत्रण सहित किसी भी डिजिटल हार्डवेयर/सिस्टम को हैक कर सकता हूं आदि. लेकिन पेपर वोटिंग, ईवीएम से ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय है, यह अलग तरह की चर्चा है.’
Technically ur right – anything is possible E.g..wth quantum compute, i can decrypt any level of encryption, with lab level tech n plenty of resources, i can hack any digital hardware/system incldng flight controls of a glass cockpit of a jet etc etc. But thats a different type…
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) June 16, 2024
आपको बता दें कि द वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि केरल, दमन और दीव, लक्षद्वीप और अतिंगल जैसे कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़कर, ईवीएम से गिने गए वोटों की संख्या ईवीएम में डाले गए वोटों की संख्या से अलग है.