नई दिल्ली: भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता, जिन पर खालिस्तानी समर्थक नेता की हत्या की साजिश रचने का आरोप है, को चेक गणराज्य से प्रत्यर्पित किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, चेक अधिकारियों द्वारा इस बात की पुष्टि की गई. चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता व्लादिमीर रेपका ने कहा कि प्रत्यर्पण शुक्रवार, 14 जून, 2024 को प्राग-रूज़िने हवाई अड्डे पर किया गया.
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने 17 जून को अमेरिका के संघीय कारागार ब्यूरो की वेबसाइट और मामले से परिचित एक सूत्र का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण की रिपोर्ट दी थी.
मई के अंत में द वायर ने बताया था कि कैसे चेक संवैधानिक न्यायालय ने गुप्ता की अमेरिका में उनके प्रत्यर्पण को रोकने की याचिका को खारिज कर दिया था, उनके इस दावे को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप राजनीतिक प्रकृति के हैं.
गुप्ता पर खालिस्तान कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या में एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है. पन्नू सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हैं, जो खालिस्तानी समूह है जिसे भारत ने आतंकवादी समूह घोषित किया है.
पन्नू ने रॉयटर्स से कहा कि वह प्रत्यर्पण को एक स्वागत योग्य कदम मानते हैं, लेकिन ‘निखिल गुप्ता सिर्फ़ एक मोहरा है.’
रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘उसने आरोप लगाया कि गुप्ता को काम पर रखने वाले भारत सरकार के वरिष्ठ सदस्य थे जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर काम करते हैं.’
रॉयटर्स के अनुसार, गुप्ता को ब्रुकलिन के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है, जो एक संघीय प्रशासनिक हिरासत केंद्र है. द वायर ने जेल ब्यूरो की वेबसाइट पर इसकी पुष्टि की है.
यूएस न्याय विभाग के प्रवक्ता और गुप्ता के यूएस स्थित वकील जेफरी चैब्रोवे ने रॉयटर्स को कोई टिप्पणी देने से मना कर दिया.
मालूम हो कि निखिल गुप्ता को जून 2020 में प्राग पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया था और उसके तुरंत बाद अमेरिकी अभियोजकों ने प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया था. नवंबर में अमेरिका ने उनकी गिरफ्तारी का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था. द वायर ने पिछले साल दिसंबर में चेक न्यायपालिका के समक्ष गुप्ता की कानूनी प्रक्रिया के बारे में पहली बार रिपोर्ट की थी.
ज्ञात हो कि पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह भारत में प्रतिबंधित किए गए ‘सिख फॉर जस्टिस’ से जुड़े हैं. भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया हुआ है.
पिछले साल अमेरिका ने पन्नू की हत्या के असफल प्रयास के बारे में भारत सरकार के साथ जानकारी साझा की थी, साथ ही भारतीय अधिकारी की कथित संलिप्तता की जांच करने के लिए भी कहा था.
इसी दौरान अमेरिकी अख़बार द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जिस अनाम भारतीय पर अमेरिकी अधिकारियों ने पन्नू की हत्या की कथित साजिश करने का आरोप लगाया है, वह रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व अधिकारी हैं और उनका नाम विक्रम यादव है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जिस समय पन्नू की हत्या की कथित साज़िश हुई, उस समय तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल पर ‘विदेशों में रह रहे सिख कट्टरपंथियों के कथित खतरे को खत्म करने का काफी दबाव था.’
अभियोग में यह भी कहा गया था कि गुप्ता को कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की योजना के बारे में पहले से पता था – जिसे भारत द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया गया है. निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के कनाडा के दावों ने कनाडा-भारत संबंधों को काफी खराब कर दिया है.