नई दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी से जनता दल (यूनाइटेड) के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने सोमवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में मुसलमानों और यादवों ने उन्हें वोट नहीं दिया, उन्होंने कहा कि वह उनके लिए कोई काम नहीं करेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले ठाकुर की टिप्पणी की न केवल प्रतिद्वंद्वी राजद ने तीखी आलोचना की, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के बांका सांसद ने भी माफी की मांग की.
सीतामढ़ी में एक समारोह को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि यादवों और मुसलमानों ने चुनाव में उन्हें वोट नहीं दिया. ठाकुर सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र में राजद के अर्जुन राय, जो यादव हैं, को हराया था.
इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें जदयू सांसद सीतामढ़ी के यादव और मुस्लिम समुदायों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सुनाई दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यादव और मुसलमान हमारे यहां आते हैं तो उनका स्वागत है. चाय पिएं, मिठाई खाएं. लेकिन किसी मदद की उम्मीद न करें, मैं उनका कोई काम नहीं करूंगा.’
बाद में पत्रकारों से बातचीत में ठाकुर ने कहा, ‘मैंने जो कहा, उस पर मैं कायम हूं. मैं पिछले कुछ समय से यह कह रहा हूं. मैं पिछले 25 सालों से बिना किसी भेदभाव के लोगों के लिए काम कर रहा हूं.’
हिंदुस्तान टाइम्स से ठाकुन से कहा, ‘अगर मुस्लिम और यादवों ने तीर (जदयू का चुनाव चिह्न) को सिर्फ इसलिए वोट नहीं दिया क्योंकि उन्होंने हमारा चुनाव चिह्न देखते ही नरेंद्र मोदी का चेहरा देखा… जब कोई इन समुदायों से मेरे पास आता है, तो मैं उनके चेहरे पर लालू प्रसाद और लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) का चेहरा भी देख सकता हूं… ताली दोनों हाथों से बजती है.’
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने यादवों और मुसलमानों को ही क्यों निशाने पर लिया, ठाकुर ने कहा कि उनका बयान व्यक्तिगत मदद के अनुरोधों तक सीमित है, जैसे कि एम्स में इलाज के लिए कुछ कहना या पुलिस को फ़ोन करना. उन्होंने कहा, ‘समाज से जुड़े किसी भी काम के लिए उनका स्वागत है, लेकिन किसी भी व्यक्तिगत काम के लिए नहीं.’
उन्होंने इस बात पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि उन्होंने कैसे निष्कर्ष निकाला कि यादवों और मुसलमानों ने उन्हें वोट नहीं दिया.
ठाकुर ने खुद को एक ऐसा राजनेता बताया जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम करता है, लेकिन वह निराश हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग ऐसा करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं कहेंगे, मैंने खुले तौर पर कहा है, जैसा कि मैंने जीत के अंतर में गिरावट के विश्लेषण के दौरान पाया.’
उन्होंने कहा, ‘मैं तीन दशकों से अधिक समय से सक्रिय राजनीति में हूं और मुझे लगता है कि मैंने हमेशा यादवों और मुसलमानों की मदद की है और इसलिए, यह दुख पहुंचाता है. यह मेरे लिए एक सबक है और यह दूसरों के लिए भी एक सीख होनी चाहिए.’
विपक्ष ने निंदा की
ठाकुर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘हम ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करते हैं. उनकी टिप्पणी अपमानजनक, जातिवादी और धर्म विरोधी है. यह ठाकुर के सामंतवादी रवैये को दर्शाता है.’
वहीं, जदयू बांका के सांसद गिरिधारी यादव ने कहा, ‘मैं ठाकुर के बयान की निंदा करता हूं और उनसे तत्काल माफी मांगने की मांग करता हूं.’
इसके अलावा भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने भी ठाकुर का नाम लिए बिना कड़े शब्दों में बयान दिया.
आनंद ने कहा, ‘जातिगत पूर्वाग्रह की बू आने पर अपनी हताशा को इस तरह से प्रकट करना राजनीति में शर्मनाक और निंदनीय है. भाजपा सभी सामाजिक वर्गों को साथ लेकर चलती है. बिहार में कोई भी राजनीतिक दल सफल नहीं हो सकता अगर वह यादवों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश करे, जो कुल आबादी का 14 प्रतिशत हैं.’