नई दिल्ली: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा है कि वह मुंबई उत्तर पश्चिम संसदीय सीट पर हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर अदालत का रुख करेगी, जहां पार्टी के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को शिवसेना (शिंदे गुट) के रवींद्र वायकर ने मात्र 48 वोटों के अंतर से हराया था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को कहा कि पार्टी निर्वाचन क्षेत्र के परिणामों को लेकर कानूनी मदद लेगी और आरोप लगाया कि अगर चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया गया होता तो भाजपा 40 सीटें भी नहीं जीत पाती.
शिवसेना यूबीटी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) और इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आदित्य ठाकरे को ईवीएम के बारे में गलत जानकारी फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए.
इससे पहले, मुंबई के वनराई पुलिस थाने ने इस मामले में तब एफआईआर दर्ज की थी, जब कीर्तिकर और दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने वायकर के साले मंगेश पंडिलकर की मतगणना केंद्र के अंदर मौजूदगी का मुद्दा उठाया था.
इस मामले में पंडिलकर को आरोपी बनाया गया है. हालांकि, पुलिस का दावा है कि प्राथमिकी केवल भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत ‘लोक सेवक द्वारा वैधानिक रूप से जारी किए गए आदेश की अवज्ञा’ के लिए दर्ज की गई है और इसका ईवीएम के कामकाज में उनके हस्तक्षेप से कोई लेना-देना नहीं है.
मतगणना के दिन के अधिकांश समय वायकर और कीर्तिकर के बीच कड़ी टक्कर रही, जिसमें अंतर 100 से भी कम वोटों का था. शाम 5 बजे के करीब ईवीएम गणना के बाद कीर्तिकर सिर्फ़ एक वोट से आगे चल रहे थे. शाम 6.30 बजे, वायकर ने मांग की कि अस्वीकृत मतपत्रों की फिर से गिनती की जाए. रिटर्निंग ऑफिसर ने इसकी अनुमति दे दी और इसके बाद वायकर 48 वोटों से आगे हो गए.
इसके बाद दोनों उम्मीदवारों ने 111 अमान्य या अस्वीकृत डाक मतपत्रों का पुनर्मूल्यांकन करवाने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर से संपर्क किया. रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की निगरानी में पुनर्मूल्यांकन के लिए सहमत हो गए और इस प्रक्रिया के बाद, वायकर को अंततः विजेता घोषित किया गया.