नई दिल्ली: महाराष्ट्र में भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल- दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले अटल सेतु पर खुलने के छह महीने के भीतर दरारें आ गई हैं, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं.
महाराष्ट्र कांग्रेस ने इसके लिए राज्य और देश में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 12 जनवरी को समुद्री लिंक – अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन किया था. 17,843 करोड़ रुपये की लागत से बने 21.8 किलोमीटर लंबे इस पुल को मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के लिए गेम चेंजर और इंजीनियरिंग की एक उपलब्धि के रूप में पेश किया गया था.
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को प्रभावित स्थल का निरीक्षण किया और राज्य सरकार पर अपने खजाने को भरने के लिए भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं और लोगों की जान जोखिम में डाल दी है.
उन्होंने कहा, ‘पुल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार उनके नाम पर भ्रष्टाचार में लिप्त है. पीएम मोदी भ्रष्टाचार के नेता हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भ्रष्ट राजनीतिक नेताओं को ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर अपने साथ शामिल होने के लिए मजबूर करती है.’
उन्होंने दावा किया, ‘उद्घाटन के छह महीने के भीतर ही अटल सेतु पुल के एक हिस्से में दरारें आ गई हैं और नवी मुंबई के पास सड़क का आधा किलोमीटर लंबा हिस्सा एक फुट तक धंस गया है.’
पटोले ने यह भी दावा किया कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सभी पर्यावरणीय मानदंडों को दरकिनार कर दिया गया है क्योंकि मैंग्रोव नष्ट हो गए हैं.
मरम्मत का काम चल रहा है
दूसरी ओर, अटल सेतु के निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार सरकारी निकाय मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि दरारें किसी संरचनात्मक दोष के कारण नहीं थीं.
एमएमआरडीए के एक बयान में कहा गया है, ’20 जून को संचालन और रखरखाव दल द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान मुंबई की ओर जाने वाले रैंप पर तीन स्थानों पर सड़क की सतह पर छोटी दरारें पाई गईं. ये दरारें छोटी हैं और सड़क के किनारे स्थित हैं.’
एमएमआरडीए के स्पष्टीकरण नोट में उल्लेख किया गया है कि डामर फुटपाथ में छोटी-छोटी दरारों की प्रभावी ढंग से मरम्मत की जा सकती है.
चूंकि पूरी परियोजना दोष दायित्व अवधि (defect liability period) के अंतर्गत है, इसलिए इसके निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को 24 घंटे के भीतर इसे ठीक करने के लिए कहा गया है. एमएमआरडीए ने कहा कि शुक्रवार शाम तक मरम्मत का काम शुरू हो गया था.