पन्नू हत्या साज़िश मामले में अमेरिका ने भारत से कह दिया है कि हमें जवाबदेही चाहिए: अमेरिकी मंत्री

अमेरिका ने कहा कि खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश की जांच के लिए नई दिल्ली द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति से लगातार अपडेट मांगे हैं और इस मुद्दे को सीधे भारत सरकार के उच्चतम स्तर पर उठाया गया है.

गुरपतवंत​ सिंह पन्नू. (फोटो साभार: ट्विटर/@SortedEagle)

नई दिल्ली: अमेरिका ने कहा कि खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश की भारतीय जांच के बारे में अपडेट के लिए लगातार भारत पर दबाव डाला है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय जांच समिति शायद इस बारे में विचार कर रही है कि इस तरह के आरोपों और ख़बरों की रोशनी में उन्हें किस तरह के सुधारात्मक कदम उठाने की ज़रूरत है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने बुधवार को कहा कि उनका देश मानता है कि ‘भारतीय सहकर्मी इस बात पर ध्यानपूर्वक विचार कर रहे हैं कि इनमें से कुछ आरोपों और रिपोर्टों के मद्देनजर कौन से संभावित संस्थागत सुधार आवश्यक हो सकते हैं.’

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने नई दिल्ली द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति पर लगातार अपडेट मांगे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के साथ भारत यात्रा के कुछ दिनों बाद एक ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान कैंपबेल ने कहा, ‘हमने स्पष्ट किया है कि हम जवाबदेही चाहते हैं और हमने इस विषय पर भारत के साथ बातचीत की है और वे हमारी चिंताओं के प्रति उत्तरदायी रहे हैं. हमने लगातार अपडेट मांगे हैं. इस मुद्दे को सीधे भारतीय सरकार के नेतृत्व के उच्चतम स्तरों पर उठाया गया है.’

इस सवाल पर कि क्या भारत के एजेंट इसमें शामिल थे और क्या इस साजिश को भारत सरकार के उच्च स्तर से अनुमति नहीं मिली थी, उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी कहूंगा कि हम यह भी मानते हैं कि भारतीय सहकर्मी इस बात पर ध्यान से विचार कर रहे हैं कि इनमें से कुछ आरोपों और रिपोर्टों के मद्देनजर कौन-से संभावित संस्थागत सुधार जरूरी हो सकते हैं.’

पिछले सप्ताह जब सुलिवन और कैंपबेल भारत आए थे, उसी दौरान पन्नू के खिलाफ साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 14 जून को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था.

मई के अंत में द वायर ने बताया था कि कैसे चेक संवैधानिक न्यायालय ने गुप्ता की अमेरिका में उनके प्रत्यर्पण को रोकने की याचिका को खारिज कर दिया था, उनके इस दावे को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप राजनीतिक प्रकृति के हैं.

गुप्ता पर खालिस्तान कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या में एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है. पन्नू सिख फॉर जस्टिस से जुड़े हैं, जो खालिस्तानी समूह है जिसे भारत ने आतंकवादी समूह घोषित किया है.

ज्ञात हो कि पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह भारत में प्रतिबंधित किए गए ‘सिख फॉर जस्टिस’ से जुड़े हैं. भारत के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पन्नू को आतंकवादी घोषित किया हुआ है.

पिछले साल अमेरिका ने पन्नू की हत्या के असफल प्रयास के बारे में भारत सरकार के साथ जानकारी साझा की थी, साथ ही भारतीय अधिकारी की कथित संलिप्तता की जांच करने के लिए भी कहा था.

इसी दौरान अमेरिकी अख़बार द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जिस अनाम भारतीय पर अमेरिकी अधिकारियों ने पन्नू की हत्या की कथित साजिश करने का आरोप लगाया है, वह रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व अधिकारी हैं और उनका नाम विक्रम यादव है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि जिस समय पन्नू की हत्या की कथित साज़िश हुई, उस समय तत्कालीन रॉ प्रमुख सामंत गोयल पर ‘विदेशों में रह रहे सिख कट्टरपंथियों के कथित खतरे को खत्म करने का काफी दबाव था.’

अभियोग में यह भी कहा गया था कि गुप्ता को कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की योजना के बारे में पहले से पता था – जिसे भारत द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया गया है. निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के कनाडा के दावों ने कनाडा-भारत संबंधों को काफी खराब कर दिया है.