हरियाणा: तस्करों से हमले का ख़तरा बताकर गोरक्षक दल हथियारों के लाइसेंस मांग रहे हैं- रिपोर्ट

हरियाणा के नूंह ज़िले में एक व्यापारी जिसे गोरक्षक समूहों से जुड़ा हुआ बताया गया, को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा गोली मारे जाने के बाद गोरक्षक समूह अपने सदस्यों से हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कह रहे हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फ्लिकर)

नई दिल्ली: हरियाणा में गोरक्षक समूह खुद को हथियारबंद करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि उनका आरोप है कि हाल ही में उन पर हमले बढ़ते जा रहे हैं.

द ट्रिब्यून के मुताबिक, एक व्यापारी जिसे गोरक्षक समूहों से जुड़ा हुआ बताया गया, को हरियाणा के नूंह जिले में मंगलवार (25 जून) को कथित तौर पर कुछ लोगों ने गोली मार दी.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने व्यापारी के हवाले से बताया है कि उसे संदेह है कि उस पर हमला करने वाले गोतस्कर हैं. लेकिन स्थानीय पुलिस इसकी पुष्टि करने में असमर्थ है.

पुलिस ने द ट्रिब्यून को यह भी बताया कि वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि व्यापारी ‘किसी गोरक्षा गतिविधि में शामिल था’ या नहीं.

दो सप्ताह पहले, पीटीआई ने स्थानीय पुलिस के हवाले से बताया था कि नूह में गोरक्षकों द्वारा गोतस्करों के एक वाहन का पीछा करने के बाद तस्करों ने एक गोरक्षक को गोली मार दी थी.

द ट्रिब्यून के मुताबिक, व्यापारी पर कथित हमले के बाद गोरक्षक समूह अपने सदस्यों से हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कह रहे हैं. अखबार ने एक गोरक्षकों के एक नेता के हवाले से बताया है कि हाल के दिनों में उन पर हमले बढ़ गए हैं.

गोरक्षक दल के नेता श्रीकांत मेवाती ने आरोप लगाया, ‘हमले बढ़ गए हैं. गोतस्कर चुपचाप बैठे थे, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के बाद वे अचानक सक्रिय हो गए हैं और इस बार ज़्यादा ताकत के साथ.’

हरियाणा में गोहत्या पर प्रतिबंध है. सरकार ने प्रतिबंध को लागू करने में मदद के लिए राज्य और जिला स्तर पर ‘गो रक्षा टास्क फोर्स’ का गठन किया है. स्थानीय गोरक्षक जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य हैं और प्रतिबंध को लागू करने में भी मदद करते हैं.

ऐसी खबरें हैं कि नूह के मुस्लिम निवासियों – जो कि मुस्लिम बहुल जिला है – का कहना है कि मवेशियों से संबंधित लिंचिंग की घटनाओं और गौरक्षकों के डर ने जिले में एक समय लोकप्रिय मवेशी व्यापार को कम कर दिया है.

पिछले साल यह जिला सांप्रदायिक हिंसा का स्थल था, जिसमें कम से कम सात लोग मारे गए थे और संपत्तियों को जला दिया गया था या नुकसान पहुंचाया गया था.

हिंसा के पीछे का एक कारण वह वीडियो माना गया था जिसमें स्वयंभू गोरक्षक मोनू मानेसर को देखा जा सकता है, जो हत्या के प्रयास का आरोपी है और बीते वर्ष सितंबर माह में गिरफ्तार कर लिया गया था. उसे जनवरी में जमानत मिल गई थी.

ट्रिब्यून ने गोरक्षक समूहों के हवाले से बताया है कि उन्होंने नूह सांप्रदायिक हिंसा के बाद 90 हथियार लाइसेंस हासिल कर लिए हैं, लेकिन उन्हें और अधिक की आवश्यकता है.