गुजरात: राजकोट एयरपोर्ट के बाहर की छत गिरी, जबलपुर और दिल्ली के बाद तीन दिन में तीसरी घटना

नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की घटना के एक दिन बाद ही शनिवार को भारी बारिश के बीच गुजरात के राजकोट हवाई अड्डे के बाहर यात्री पिकअप और ड्रॉप क्षेत्र के एक ओर की छत (कैनोपी) ढह गई. इससे पहले जबलपुर एयरपोर्ट से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी.

राजकोट एयरपोर्ट. (फोटो साभार: सोशल मीडिया एक्स/@ganga_wasi)

नई दिल्ली: दिल्ली और जबलपुर के बाद अब तेज़ बारिश के चलते गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट के बाहर छत का एक हिस्सा गिरने का मामला सामने आया है. ये तीन दिन में हवाई अड्डे से जुड़ी तीसरी बड़ी घटना है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार (28 जून) को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की घटना के एक दिन बाद ही शनिवार (29 जून) को भारी बारिश के बीच गुजरात के राजकोट हवाई अड्डे के बाहर यात्री पिकअप और ड्रॉप क्षेत्र के एक ओर की छत (कैनोपी) ढह गई.

शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इस घटना में किसी के घायल होने या हताहत होने की कोई खबर नहीं है.

मालूम हो कि बीते साल जुलाई 2023 में ही राजकोट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि छत पर भरे पानी को बाहर निकालने के लिए चल रहे रख-रखाव कार्य के दौरान यह ढह गई. फिलहाल मरम्मत कार्य जारी है और घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.

दक्षिण-पश्चिम मानसून के राज्य में आगे बढ़ने के साथ ही गुजरात में भारी बारिश हो रही है. कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की सात टीमों को कच्छ, राजकोट, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, भावनगर, नर्मदा और वलसाड जिलों में तैनात किया गया है.

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए हादसे में एक 45 वर्षीय कैब चालक की जान चली गई

ज्ञात हो कि इससे एक दिन पहले इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए हादसे में एक 45 वर्षीय कैब चालक की जान चली गई थी, वहीं आठ अन्य लोग घायल हो गए थे. इसके बाद से टर्मिनल-1 से उड़ानों का परिचालन नहीं हो रहा है.

इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने मृतकों के परिवार को 20 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को तीन लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है.

मंत्रालय ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए देश भर के सभी हवाई अड्डों पर संरचनात्मक प्रारंभिक निरीक्षण करने का भी आदेश दिया है.

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) और 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य के कारण चोट पहुंचाना) के तहत एफआईआर भी दर्ज की है.

मालूम हो कि हाल ही में टर्मिनल-1 का विस्तार किया गया था. इसके विस्तारित संस्करण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 11 मार्च को उद्घाटन किया था. इस घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपने राजनीतिक फायदे के लिए ‘अधूरे’ बने संस्करण का आनन-फानन में उद्घाटन को लेकर निशाना भी साधा था.

महज़ तीन महीने के भीतर ही एयरपोर्ट का छज्जा टूटा

इससे पहले मध्य प्रदेश से भी गुरुवार (27 जून) को एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां जबलपुर में नवनिर्मित डुमना एयरपोर्ट का शेड पहली ही बारिश में कार के ऊपर गिर गया, जिससे कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ.

इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 10 मार्च को डुमना हवाई अड्डे के 450 करोड़ के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया था. ऐसे में महज़ तीन महीने के भीतर ही एयरपोर्ट का छज्जा टूटना निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करता है.

इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जबलपुर में 450 करोड़ से नवनिर्मित डुमना एयरपोर्ट का शेड पहली ही बारिश में कार के ऊपर गिर गया, जिससे कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. तीन महीने पहले ही टर्मिनल का मोदी जी ने लोकार्पण किया था. मोदी जी की गारंटी बस तीन महीने ही टिक पाई.’

लखनऊ एयरपोर्ट की छत टपकने का वीडियो वायरल

इस बीच भारी बारिश के चलते लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हाल ही में बने टर्मिनल-3 की छत टपकने की भी खबर सामने आ रही है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ तौर पर छत से पानी के रिसाव को देखा जा सकता है.

एयरपोर्ट के इस नए टर्मिनल का उद्घाटन भी इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.