बिहार: जदयू ने राज्य को विशेष दर्जा देने और आर्थिक पैकेज की मांग के लिए प्रस्ताव पारित किया

बता दें कि वर्ष 2018 में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद तेलुगु देशम पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ दिया था.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (बीच में) नई दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पार्टी के अन्य नेताओं के साथ. (फोटो साभार: x/@Jduonline)

नई दिल्ली: जनता दल (यूनाइटेड) ने शनिवार (29 जून) को नई दिल्ली में आयोजित अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के लिए विशेष दर्जे के साथ-साथ राज्य के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है.

पत्रकारों को संबोधित करते हुए जदयू के राजनीतिक सलाहकार और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘हमारे संकल्प में बिहार के लिए विशेष दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज दोनों शामिल हैं, हम दोनों के लिए लड़ना जारी रखेंगे.’

बता दें कि नवंबर 2023 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में फिर से शामिल होने से कुछ महीने पहले नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष दर्जा नहीं देने पर राज्यव्यापी आंदोलन का वादा किया था.

2024 के लोकसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 240 सीटें जीतकर अपने दम पर बहुमत पाने से दूर रह गई. सरकार बनाने के लिए उसे अपने एनडीए सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा है. 12 लोकसभा सीटों वाली जदयू और 16 सीटों वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), दोनों भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए महत्वपूर्ण सहयोगी हैं.

इस महीने की शुरुआत में भाजपा के लिए अपने समर्थन की घोषणा करने के बाद त्यागी ने द वायर से कहा था, ‘विशेष श्रेणी का दर्जा हमारी लंबे समय से मांग रही है, लेकिन यह गठबंधन के लिए शर्त नहीं है. हम इस सरकार का समर्थन करके खुश हैं. लेकिन हमने विशेष दर्जा नहीं छोड़ा है और हम इसकी मांग आने वाले चरणों में करेंगे.’

शनिवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद त्यागी ने एक बार फिर कहा कि बैठक के दौरान नीतीश ने दोहराया कि वह एनडीए के साथ बने रहेंगे और पाला बदलने का कोई सवाल ही नहीं है.

त्यागी ने कहा, ‘उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष घोषणा की है कि वह एनडीए के साथ बने रहेंगे और दाएं या बाएं नहीं जाएंगे, ऐसा कोई सवाल ही नहीं है.’

पार्टी ने अपनी बैठक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण 50% से 65% बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को रद्द करने के पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का भी फैसला किया है.

त्यागी ने कहा, ‘यह भी निर्णय लिया गया है कि हम आरक्षण बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.’

त्यागी ने यह भी बताया कि पार्टी के कामकाज में दक्षता लाने के लिए राज्यसभा सांसद संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.

बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी को 2018 में एनडीए से बाहर होना पड़ा था. जदयू की तरह ही टीडीपी भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में लौट आई है.