यूपी: मथुरा में तीन साल पहले बनी पानी की टंकी गिरने से दो की मौत, कई घायल

घटना मथुरा की कृष्ण विहार कॉलोनी की है, जहां साल 2021 बनी 2.5 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी रविवार शाम ढह गिर गई. इलाके के लोगों का कहना है कि उन्होंने टंकी की जर्जर स्थिति को लेकर शिकायत की थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई.

मथुरा में घटनास्थल की तस्वीर. (साभार: एक्स/@Bhartiya_huu)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मथुरा में रविवार (30 जून) की शाम एक रिहायशी इलाके में स्थित 2.5 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी भरभराकर गिर गई. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, वहीं एक दर्जन के करीब लोग घायल हैं.

फिलहाल मलबे में अन्य कई लोगों के दबे होने की संभावना है. खबर लिखे जाने तक घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा विकसित कृष्ण विहार कॉलोनी की है, जहां रविवार शाम करीब छह बजे ये हादसा हुआ.

अधिकारियों ने अख़बार को बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि बच्चों समेत कुछ और टैंक के मलबे में अभी दबे होने की आशंका हैं.

इस घटना में आसपास के कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सेना भी घटनास्थल पर सहायता के लिए पहुंची थी.

इस संबंध में जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया हैं. अग्निशमन सेवाओं, पुलिस, राजस्व, नगरपालिका और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ बचाव अभियान जारी है. इसके अलावा घटना की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को भी बुलाया गया है.

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट योगेन्द्र पांडे ने दो मौतों की पुष्टि की है, लेकिन इसके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है, जिसमें कई लोग फंसे हुए हैं.

मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘यह घटना कृष्णा विहार इलाके में हुई, जहां अधिक बारिश के कारण टैंक ढह गया. जिले की बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव अभियान फौरन शुरू किया गया. जिला मजिस्ट्रेट और मैंने तत्काल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया.’

जिलाधिकारी ने बताया कि पानी टंकी 2021 में बनकर तैयार हुई थी और महज़ तीन साल के भीतर ही इसके ढहने की जांच कराई जाएगी. गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत जल निगम द्वारा निर्मित इस टंकी की लागत 6 करोड़ रुपये है.

मालूम हो कि इस पानी की टंकी के निर्माण का ठेका जल निगम की अतिरिक्त निर्माण इकाई ने आगरा की एसएम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था. 2018 में इसका निर्माण शुरू हुआ था और 2021 में यह बनकर तैयार हुई थी. इलाके के लोगों ने टंकी की जर्जर स्थिति को लेकर पहले भी शिकायत की थी, लेकिन तब उनकी सुनवाई नहीं हुई.

नागरिकों ने ज़ाहिर की थी चिंता

अमर उजाला की खबर के अनुसार, कृष्ण विहार में रहने वाले कमल शर्मा ने बताया कि उन्होंने इस टंकी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की थी. उसमें शिकायत थी कि घनी आबादी के बीच इस टैंक को बनाया गया है और इसके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने रिट को सुनने के बाद अधिकारियों को इसे लेकर कार्रवाई के लिए कहा था. बावजूद इसके अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की. इस टैंक से पानी की सप्लाई भी ठीक से शुरू नहीं हुई है की लीकेज की समस्या सामने आने लगी थी. लीकेज के चलते टैंक के पिलर भी कमजोर हो रहे थे. इसे लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की और यह हादसा हो गया.’

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को लेकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. मृतकों के घरवालों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हज़ार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.