बंगाल: महिला को सार्वजनिक तौर पर पीटने का एक और मामला, पीड़िता ने आत्महत्या की

जलपाईगुड़ी ज़िले के फुलबारी इलाके में पंचायत में उनके संबंधों को लेकर सार्वजनिक अपमान किए जाने के बाद एक महिला ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. इससे पहले उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक में भी एक महिला और पुरुष को उनके रिश्तों को लेकर सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे.

(इलस्ट्रेशन साभार: Pixabay/Rosy/Bad Homburg)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल से सावजनिक तौर पर पीटने का एक और मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने सार्वजनिक अपमान के चलते कथित रूप से आत्महत्या कर ली है. इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी भी की है. इनमें बोगरा विट्टा गांव की स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ता का नाम भी शामिल है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ये मामला शनिवार (29 जून) को जलपाईगुड़ी जिले के फुलबारी इलाके से सामने आया, जहां गांव की कुछ महिलाओं ने ‘पंचायत’ के सामने एक महिला की विवाह से इतर संबंध के आरोप में पिटाई की, जिसके बाद महिला ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.

मृतका के पति ने अख़बार को बताया, ‘मेरी पत्नी को गांव की कुछ महिलाओं ने पंचायत के सामने पीटा, जिसके बाद उसने कोई जहरीला पदार्थ पीकर अपनी जान दे दी. मैंने पुलिस से शिकायत की है कि मेरी पत्नी की मृत्यु इन महिलाओं के कारण हुई, क्योंकि वो कंगारू कोर्ट में बुलाए जाने और सार्वजनिक रूप से पीटे जाने का अपमान सह नहीं सकी.’

ज्ञात हो कि कंगारू कोर्ट एक अवैध तरह की ‘पंचायत’ है और इसे लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. इस घटना के एक दिन पहले ही 28 जून को उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक से भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जहां एक स्थानीय टीएमसी पदाधिकारी द्वारा एक महिला और एक पुरुष को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे गए थे.

हालिया मामले में जान गंवाने वाली महिला दस दिन पहले अपने घर से लापता हो गई थीं. उस वक्त उनके पति ने न्यू जलपाईगुड़ी थाने में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि 29 जून को महिला अपने घर वापस आ गई थीं.

पति ने बताया कि जब वो घर वापस आईं, तो पंचायत प्रमुख और तृणमूल कांग्रेस नेता मालती रॉय और उनके पति शंकर रॉय ने उन लोगों को बुलाया. जब दोनों पति-पत्नी वहां गए तो पंचायत प्रमुख के समर्थकों ने कथित रूप से उन पर हमला कर दिया.

मालती और शंकर रॉय ने सालिशी सभा (कंगारू कोर्ट) आयोजित करने के आरोप से इनकार किया है.

शंकर रॉय का कहना है, ‘उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज करानी थी लेकिन वे इसके बजाय पंचायत में आ गए. यह महिला पहले किसी अन्य युवक के साथ चली गई थीं. शायद इसी बात को लेकर उनके पड़ोसियों ने बुलाकर उसकी पिटाई कर दी. हम तो वहां मौजूद ही नहीं थे. जब मीटिंग चल रही थी तो मैं वहां पहुंचा और महिला ने कहा कि वह वॉशरूम जा रही है. थोड़ी देर बाद हमें पता चला कि उन्होंने एसिड पी लिया है.’

न्यू जलपाईगुड़ी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी निर्मल दास ने बताया कि दो शिकायतें मिली हैं, जो मृतक महिला के पति और उनके भाई द्वारा की गई हैं. उस आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

कंगारू कोर्ट को लेकर आरोप-प्रत्यारोप

इस मामले के संबंध में भारतीय जनता पार्टी की विधायक शिखा चटर्जी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘उनके शासन के दौरान सबसे अधिक महिलाओं पर अत्याचार हुआ है. सीएम को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. किसी को कंगारू कोर्ट में बुलाना और उसकी पिटाई करना एक जघन्य अपराध है.’

हालांकि, टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘ऐसी घटनाएं सामाजिक समस्याएं हैं. उनका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. ऐसी घटनाओं को ख़त्म करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए.’

गौरतलब है कि 28 जून की घटना उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा ब्लॉक के लखीपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में हुई थी. उस मामले में भी विवाह से इतर संबंध होने का आरोप लगाकर एक कंगारू कोर्ट में एक महिला को बुरी तरह पीटा गया था. इसमें आरोपी टीएमसी नेता ताजीमुल इस्लाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.