नई दिल्ली: 14 साल बाद लेबर पार्टी ब्रिटेन की सत्ता में वापसी कर रही है. किएर स्टार्मर की लेबर पार्टी को ब्रिटिश संसद के 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमंस में लगभग दो तिहाई सीटें (कुल 412 सीटें) मिली हैं. सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत होती है. इस आम चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की बुरी हार हुई है.
ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने आम चुनाव में उनकी लेबर पार्टी द्वारा सत्तारूढ़ कंजरवेटिव को हराने के बाद लंदन में विजयी विजय भाषण के दौरान कहा, ‘आज हम अगला अध्याय शुरू करने जा रहे हैं, परिवर्तन का काम शुरू करने जा रहे हैं, राष्ट्रीय नवीनीकरण का मिशन और अपने देश का पुनर्निर्माण शुरू करने जा रहे हैं.’
10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कंजरवेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक ने पार्टी के सबसे खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्र से माफी मांगी है. उन्होंने कहा, ‘मैं हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं.’
सुनक ने लेबर पार्टी के नेता को जीत की बधाई देते हुए कहा, ‘लेबर पार्टी ने यह आम चुनाव जीत लिया है और मैंने किएर स्टार्मर को उनकी जीत पर फोन करके बधाई दी है.’ हालांकि, सुनक ने उत्तरी इंग्लैंड में अपनी संसदीय सीट जीत ली है.
किस पार्टी को मिली कितनी सीटें?
आम चुनाव के नतीजों के बाद तीन सबसे बड़ी पार्टियां रहीं – लेबर, कन्जर्वेटिव्स और लिबरल डेमोक्रेट्स. लेबर को 412, कन्जर्वेटिव्स को 121 और लिबरल डेमोक्रेट्स को 71 सीटें मिली.
पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजरवेटिव पार्टी को इतिहास की सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा. पिछले आम चुनाव (2019) से तुलना करें तो पार्टी ने 250 सीटें खो दी हैं. इस चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के 11 कैबिनेट मंत्री चुनाव हार गए.
2019 की तुलना में कंजरवेटिव पार्टी का वोट शेयर 20 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 24 प्रतिशत रह गया है. अपनी सीटें हारने वाले प्रमुख टोरीज़ में पूर्व प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस, पेनी मोर्डंट और पूर्व कैबिनेट मंत्री सर जैकब रीस-मोग शामिल हैं.
लेबर पार्टी कितनी लोकप्रिय है?
लेबर पार्टी की जीत पर कोई संदेह नहीं कर सकता, क्योंकि उसने जितनी सीटें जीती हैं, वह बहुत बड़ी बात है. लेबर पार्टी के टोनी वॉन ने फोल्केस्टोन और हाइथ पर कब्ज़ा किया, जो 1950 से टोरीज़ के पास था, यह ऐतिहासिक उपलब्धि से कम नहीं है. लंदन और वेस्टमिंस्टर शहर पहली बार लेबर पार्टी के हाथों में चले गए हैं.
सीटों में भारी बढ़त के बावजूद पार्टी का कुल वोट शेयर दो प्रतिशत से भी कम बढ़ा है. 64 प्रतिशत सीटें जीतने के बावजूद पार्टी को केवल 34 प्रतिशत वोट ही मिले हैं. 2019 में जब पार्टी का नेतृत्व जेरेमी कॉर्बिन कर रहे थे, जिनकी कम लोकप्रियता को हार का जिम्मेदार ठहराया गया था, तब पार्टी का वोट शेयर 32 प्रतिशत था.
इस आम चुनाव में मतदान का प्रतिशत भी कम रहा है. केवल 60 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला है. 2019 में यह 67 प्रतिशत था. 1885 के बाद से आम चुनाव में यह दूसरा सबसे कम मतदान है, जो आमतौर पर 65 प्रतिशत से अधिक होता है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीर स्टार्मर को दी जीत की बधाई
ब्रिटेन के आम चुनावों में उल्लेखनीय जीत पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘किएर स्टार्मर को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. मैं आपसी विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने, सभी क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सकारात्मक और रचनात्मक सहयोग की आशा करता हूं.’
पीएम मोदी ने ट्वीट कर के ऋषि सुनक की सराहना करते हुए कहा, ‘आपके सराहनीय नेतृत्व और कार्यकाल के दौरान भारत और यूके के बीच संबंधों को गहरा करने में आपके सक्रिय योगदान के लिए धन्यवाद. आपको और आपके परिवार को भविष्य के लिए शुभकामनाएं.’