नई दिल्ली: संसद के अंदर और बाहर अग्निपथ योजना पर चल रहे विवाद के बीच आगरा वायु सेना स्टेशन पर मंगलवार (2 जुलाई) की देर रात एक अग्निवीर ने खुद को कथित रूप से अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, इस घटना की जानकारी शुक्रवार (5 जुलाई) को सामने आई.
आगरा वायुसेना स्टेशन पर मंगलवार को हुई इस घटना में मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के बलिया निवासी श्रीकांत कुमार चौधरी के रूप में हुई है. वे साल 2022 में वायु सेना में शामिल हुए थे.
टेलीग्राफ ने आगरा पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मामले को देखकर ऐसा लगता है कि श्रीकांत की छुट्टी नहीं मिलने के कारण परेशान थे क्योंकि आगरा एयरफोर्स स्टेशन में मैनपावर की कमी है.
इस घटना के संबंध में वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे ने कहा, ‘श्रीकांत के मौत की वजहों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है.’
आगरा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीकांत बड़े भाई कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए बुधवार (3 जुलाई) को आगरा पहुंचे थे, जिसके बाद शव उन्हें सौंप दिया गया था.
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘श्रीकांत का गुरुवार शाम को वायु सेना कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनके गांव नारायणपुर में अंतिम संस्कार किया गया.’
विपक्ष ने उठाए हैं सवाल
आगरा की घटना की जानकारी सामने आने से एक दिन पहले ही विपक्षी कांग्रेस ने अग्निपथ योजना के तहत रंगरूटों के बीच बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर सवाल उठाए थे.
कांग्रेस ने सरकार से पूछा था कि क्या अग्निवीरों को ‘मानसिक रूप से मजबूत’ होने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मारे गए अग्निवीर के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे पर भी सरकार को घेरा था.
इसी बीच, सेना में इस अल्पकालिक सैन्य भर्ती योजना को लेकर दो पूर्व नौसेना प्रमुखों ने भी अग्निवीरों की युद्ध क्षमता पर सवाल उठाया था.
एडमिरल केबी सिंह और एडमिरल अरुण प्रकाश ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि ‘बमुश्किल प्रशिक्षित (अग्निपथ) रंगरूट, जो केवल संतरी कर्तव्यों के लिए उपयुक्त हैं, वो सेना की युद्ध प्रभावशीलता को कम कर देंगे.’
आगरा में अग्निवीर की कथित ख़ुदकुशी के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में मेजर जनरल यश मोर (सेवानिवृत्त) ने कहा, ‘बैरक में अग्निवीर के जीवन की जमीनी हकीकत पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. वे नाखुश हैं, अक्सर उनका मज़ाक बनाया जाता है. वे अपने भविष्य को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं होते हैं. साल में केवल 30 दिनों की छुट्टी के साथ किसी भी पदानुक्रमित संगठन में सबसे नीचे रहना बहुत कठिन जीवन है.’
The ground reality of the life of an agniveer in barracks needs urgent attention.
They are unhappy, rediculed often and not very sure of future.
With just 30 days leave in a year, it’s very difficult life to be at the bottom of any hierarchical organisation.
Once again we lack… https://t.co/zVAap1ODTM— Maj Gen (Dr) YashMor (@YashMor5) July 5, 2024
विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हितधारकों के साथ पर्याप्त परामर्श के बिना अग्निपथ कानून को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने गुरुवार को सरकार से इस योजना पर श्वेत पत्र लाने की मांग की थी.
अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार लगातार गुमराह कर रही है।
लेकिन ये योजना तुरंत खत्म होनी चाहिए, क्योंकि इस योजना को लेकर सेना से कोई बातचीत नहीं की गई थी।
यदि किसी भी अग्निवीर से पूछा जाए कि क्या उसे स्थायी भर्ती चाहिए तो वह इस बात से इंकार नहीं करेगा। ऐसे में सरकार इसपर श्वेत… pic.twitter.com/ri3oJJC9eq
— Congress (@INCIndia) July 4, 2024
मालूम हो कि जून 2022 में अग्निपथ योजना की शुरुआत हुई थी. इसके तहत भर्ती जवानों को अग्निवीर के नाम से जाना जाता है. इन्हें चार साल के अनुबंध पर सेना, वायु सेना और नौसेना में भर्ती किया जाता है, जिसके बाद इनमें से 75 प्रतिशत की सेवा समाप्त कर दी जाती है. वे ग्रेच्युटी या पेंशन के हकदार भी नहीं होते हैं. इस योजना से पहले एक फिट सैनिक 15 से 18 साल तक अपनी सेवाएं प्रदान करता था.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसी सप्ताह सरकार पर दो तरह के जवान बनाने का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने कहा था कि देश में एक वे जवान हैं जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलेगी. वहीं दूसरे ऐसे हैं जिन्हें नहीं मिलेगी.
कांग्रेस ने इस घटना के बाद एक बार फिर अग्निवीरों को लेकर सवाल उठाए हैं. पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है, ‘अग्निवीर योजना से जुड़े जवानों के ये मामले गंभीर हैं. आखिर ये जवान किस दबाव में काम कर रहे हैं? क्यों आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं? इसकी जांच होनी चाहिए.
आगरा के एयरफोर्स कैंपस में अग्निवीर श्रीकांत चौधरी ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। ये बेहद दुखद है।
इससे पहले भी अग्निवीर योजना से जुड़े जवानों की आत्महत्या की खबरें आती रही हैं।
पिछले साल अक्टूबर में अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान आत्महत्या कर ली…
— Congress (@INCIndia) July 5, 2024
गौरतलब है कि इससे पहले भी अग्निवीरों की आत्महत्या की खबरें सामने आती रही हैं. बीते साल अक्टूबर 2023 में जम्मू-कश्मीर में तैनात अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने आत्महत्या कर ली थी.
इस घटना के एक महीने बाद 27 नवंबर 2023 को नौसेना में ट्रेनिंग ले रही अपर्णा नाम की एक अग्निवीर ने आत्महत्या की खबर सामने आई थी.