ओडिशा: पुरी रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसे हालात; दम घुटने से एक की मौत, कई अन्य घायल

रविवार को ओडिशा के पुरी में निकली रथयात्रा में लगभग दस लाख लोग शामिल हुए थे. भगदड़ जैसे हालात शाम क़रीब पांच बजे देखने को मिले, जब भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र के रथ को खींचा जा रहा था.

जगन्नाथ रथ यात्रा. (फोटो साभार: एक्स/@JagannathaDhaam)

नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी में रविवार (7 जुलाई) को वार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ जैसे हालात पैदा होने के चलते एक अज्ञात श्रद्धालु की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए.

द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, ये घटना शाम करीब पांच बजे हुई, जब भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र के रथ तालध्वज को खींचा जा रहा था.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने के दौरान दम घुटने से एक श्रद्धालु की दुखद मौत हो गई. इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

यात्रा के दौरान एम्बुलेंस ड्यूटी पर मौजूद सुशांत कुमार पटनायक ने टेलीग्राफ को बताया कि रथ खींचने के दौरान एक व्यक्ति अचानक से जमीन पर गिर गया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. सुशांत का कहना है कि इस हादसे के पीछे भीड़ की घुटन एक वजह हो सकती है.

मालूम हो कि इस यात्रा में दुनियाभर से करीब दस लाख लोग शामिल हुए थे, जिनकी 2.5 किमी लंबी भीड़ देखी गई. इस भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी शमिल हुए.

ज्ञात हो कि पुरी में 53 साल बाद इस बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन की हो रही है. 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी. इस साल इसे दो दिन का किया गया है. इन तीनों रथों को सोमवार (8 जुलाई) को फिर से खींचा जाएगा.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग स्थिति का जायजा लेने पुरी जिला मुख्यालय अस्पताल पहुंचे थे, जहां अन्य घायल लोगों को इलाज के लिए ले जाया गया है.

महालिंग ने पत्रकारों से कहा, ‘हम मृतक की पहचान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य व्यवस्था की निगरानी की है और अस्पताल के अधिकारियों को घायलों को उचित स्वास्थ्य सेवा देने का निर्देश दिया है.’

गौरतलब है कि इस रथ यात्रा में मूर्तियों को पहांडी अनुष्ठान (औपचारिक जुलूस) के बाद तीन विशाल सुसज्जित रथों पर रखा जाता है, जिसे भक्त पुरी शहर के बड़ा डांडा (ग्रैंड रोड) पर लगभग 3 किलोमीटर तक खींचते हैं. भगवान बलभद्र का रथ पारंपरिक रूप से रथ यात्रा की अगुवाई करता है. इसी रथ को खींचते वक्त हादसा हुआ है.

इस यात्रा का वापसी उत्सव 15 जुलाई को आयोजित किया जाएगा.