जम्मू-कश्मीर: कठुआ में सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद

जम्मू संभाग में सेना के ख़िलाफ़ दो दिनों में यह दूसरी बड़ी आतंकवादी घटना है. इससे पहले रविवार की सुबह आतंकियों ने राजौरी ज़िले के एक सैन्य शिविर पर हमला किया था.

हमले के बाद तैनात जवान. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: जम्मू के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को एक सैन्य वाहन पर हुए आतंकी हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए. हमले में घायल अन्य जवानों का इलाज पठानकोट के मिलिट्री हॉस्पिटल में चल रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों की ओर से मंगलवार (9 जुलाई) को दी गई जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों ने सेना के वाहन को एक ग्रेनेड से निशाना बनाया और उस पर गोलीबारी की. यह घटना दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार में बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना का वाहन नियमित गश्त पर था.

अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए इस हमले में कम से कम एक दर्जन सैनिक घायल हो गए, जिनमें से पांच ने दम तोड़ दिया, जबकि कम से कम पांच अन्य का सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है.

मालूम हो कि जम्मू संभाग में सेना के खिलाफ दो दिनों में यह दूसरी आतंकवादी घटना है, जो विशेष रूप से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हाल के वर्षों में घाटी का नया संघर्ष क्षेत्र बन गया है.

खबरों के मुताबिक, सोमवार दोपहर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने सबसे पहले माचेडी-किंडली-मल्हार सड़क पर जा रहे एक सेना के ट्रक पर ग्रेनेड फेंककर सैनिकों की आवाजाही रोक दी. जैसे ही सैनिकों ने स्थिति संभालते हुए काउंटर फायरिंग की, आतंकवादियों ने स्वचालित राइफलों का उपयोग करके कई दिशाओं से उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं और फिर जंगल की ओर भाग गए.

यह गांव जम्मू की चिनाब घाटी के डोडा जिले के साथ सीमा साझा करता है, जहां सुरक्षा बलों ने पिछले महीने तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था.

क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात, घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू

स्थानीय पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हमले वाले क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है और हमलावरों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया है.

पुलिस ने बताया कि इलाके में रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है. कथित तौर पर मुठभेड़ स्थल से एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें सेना के हेलिकॉप्टर को घने जंगली इलाके में गश्त लगाते हुए दिखाया गया है, जहां माना जा रहा है कि आतंकवादी हमले के बाद भाग गए हैं.

इस हमले के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. इस कठिन समय में देश उनके साथ मज़बूती से खड़ा है. आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं और हमारे सैनिक क्षेत्र में शांति और व्यवस्था कायम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस हमले को देश की सुरक्षा के लिए झटका करार देते हुए एक्स पर कहा, ‘हमारी सेना पर ये कायरतापूर्ण हमले बेहद निंदनीय हैं. एक महीने के भीतर पांचवां आतंकवादी हमला देश की सुरक्षा और हमारे सैनिकों के जीवन पर गंभीर आघात है. लगातार हो रहे आतंकी हमलों का समाधान कड़ी कार्रवाई से निकलेगा, खोखले भाषणों और झूठे वादों से नहीं. दुख की इस घड़ी में हम देश के साथ मजबूती से खड़े हैं.’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हमले की निंदा करते हुए लिखा, ‘कठुआ से भयाभह खबर. यह बहुत बुरा दिन होता है जब आप ड्यूटी के दौरान अपने चार बहादुर सैन्यकर्मियों को खो देते हैं. मैं स्पष्ट रूप से हमले की निंदा करता हूं और परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं. मुझे उम्मीद है कि घायल शीघ्र और पूर्ण रूप से ठीक हो जाएंगे.’

हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली

इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है. यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा है. संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा गया कि यह हमला 26 जून को डोडा में मारे गए 3 आतंकवादियों की मौत का बदला है.

ज्ञात हो कि इस हमले के महज़ एक दिन पहले ही रविवार (7 जुलाई) की सुबह आतंकियों ने राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में एक सैन्य शिविर पर हमला किया था. इसमें एक जवान घायल हो गया था. जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी घने जंगल में भाग गए थे.

इससे पहले कुलगाम जिले में भी शनिवार (6 जुलाई) को दो मुठभेड़ हुई थीं, जिनमें सेना ने छह आतंकियों को मार गिराया था. सेना के दो जवानों ने भी अपनी जान गंवा दी थी.

जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कुलगाम के अभियान को सुरक्षा बलों के लिए एक ‘बड़ा मील का पत्थर’ करार दिया था.

गौरतलब है कि ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब कश्मीर घाटी में अमरनाथ यात्रा चल रही है.