कर्नाटक: भाजपा सांसद के कार्यक्रम में शराब वितरण पर विवाद, पुलिस-प्रशासन पर भी उठे सवाल

कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर से भाजपा सांसद के. सुधाकर के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर आम चुनाव में सांसद की जीत की खुशी में लोगों के बीच शराब बंटवाने का कार्यक्रम रखा गया था. पुलिस का कहना है कि आबकारी विभाग ने समारोह में शराब बांटने की अनुमति दी थी और पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश मिले थे.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कार्यक्रम के दौरान बांटी जा रही शराब. ( फोटो साभार: स्क्रीन शॉट एक्स/@zoo_bear)

नई दिल्ली: कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद के. सुधाकर सुर्खियों में हैं, जिसकी वजह कथित तौर पर सांसद के. सुधाकर के समर्थकों का जीत की खुशी में लोगों के बीच शराब बंटवाने का कार्यक्रम है, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, कर्नाटक के नीलमंगला क्षेत्र में लोग शराब की बोतलें लेने के लिए कतार में खड़े नज़र आएं, तो वहीं पुलिस सुरक्षा में खड़ी दिखाई दी.

सोशल मीडिया पर ये भी बताया गया है कि यह समारोह कथित तौर पर भाजपा सांसद के सुधाकर द्वारा अपने समर्थकों को धन्यवाद देने के लिए आयोजित करवाया गया था. इसमें भाजपा के सहयोगी दल जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे और आबकारी विभाग ने इस आयोजन में शराब परोसने के लिए लाइसेंस जारी किया था.

मालूम हो कि करीब एक महीने पहले संपन्न हुए हुए लोकसभा चुनाव और चार जून को घोषित हुए नतीज़ों में भाजपा के के. सुधाकर ने कांग्रेस की एमएस रक्षा रमैया को 1.6 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया था.

वीडियो में दिख रहा है कि लोग कतार में खड़े हैं और उन्हें शराब की बोतलें दी रहीं हैं.

उधर पुलिस ने इस मामले में अपनी गलती से साफ इनकार कर दिया है. पुलिस का कहना है कि यह आबकारी विभाग की जिम्मेदारी है क्योंकि समारोह में शराब बांटने की अनुमति आबकारी विभाग ने ही दी है.

इस पूरे मामले पर उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति है और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस पर स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मैं भाजपा के स्थानीय नेताओं से जवाब नहीं चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्पष्टीकरण जारी करें.’

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य सरकार आबकारी नीति के तहत इस मामले में कदम उठाएगी, उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘ये आगे की बात है. पहले पार्टी को जवाब देने दीजिए.’

विवाद के बीच भाजपा सांसद के सुधाकर का कहना है कि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘ भाजपा या जेडीएस, जिसने भी आयोजन में शराब बांटने की व्यवस्था की, ये गलत है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. राजनीति में 25 वर्षों की सेवा के दौरान मैंने कभी शराब बांटने की राजनीति नहीं की. इस मुद्दे से मेरा कोई संबंध नहीं है. इससे मुझे दुख पहुंचा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने आयोजकों से कल रात फोन पर बात की है. भविष्य में भी कोई भी कार्यक्रम हो या चुनाव प्रचार में शराब नहीं बांटी जानी चाहिए. इस तरह शराब बांटना एक अपराध और भूल है.’

इस घटना के वीडियो में शराब की बोतलें लेने के लिए लोगों की लंबी कतारें और भीड़ दिखाई दे रही है. बताया गया है कि सुधाकर के इस कार्यक्रम से पहले स्थानीय पुलिस को पत्र लिखकर कार्यक्रम के लिए पुलिस तैनाती की मांग की थी. और इस पत्र में उल्लेख किया गया था कि कार्यक्रम में भोजन और शराब दिए जाएंगे. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि कार्यक्रम की अनुमति कैसे मिल गई.

बेंगलुरु ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक सीके बाबा ने कहा, ‘आबकारी विभाग ने समारोह में शराब बांटने की अनुमति दी थी. पुलिस को समारोह में व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए थे. इसमें पुलिस विभाग की कोई भी गलती नहीं है. आबकारी विभाग ने शराब बांटने की अनुमति दी थी और यह पूरी तरह से उनकी जिम्मेदारी है.’

शराब वितरण पर विवाद पर टिप्पणी करते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, ‘जब तक इस पर ठीक से कुछ पता नहीं चलता, हम किसी को दोष नहीं दे सकते. अगर कोई व्यवस्था है, तो सरकार की जिम्मेदारी तय होगी. अगर सरकार को लगता है जो कुछ भी गलत हुआ है, तो उन्हें कार्रवाई करने दीजिए.’