नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (9 जुलाई) को बेरोज़गारी के मुद्दे पर केंद्र की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि युवाओं को बेरोज़गार बनाए रखना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एकमात्र मिशन है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के अनुसार, खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबी पोस्ट में कहा, ‘मोदी सरकार, भले ही बेरोज़गारी पर सिटी ग्रुप जैसी स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्ट्स को खंडन कर रही हो, लेकिन वो सरकारी आंकड़ों को कैसे नकारेगी?’
उन्होंने आगे लिखा, ‘सच ये है कि पिछले 10 साल में करोड़ों युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की ज़िम्मेदार केवल मोदी सरकार है.’
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने हाल में जारी ताज़ा सरकारी डेटा का हवाला देते हुए इसे सरकार के दावों की पोल खोलने वाला सच बताया.
उन्होंने कहा, ‘ताज़ा आंकड़ों में एनएसएसओ के सर्वेक्षण के मुताबिक विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में साल 2015 से 2023 के बीच सात वर्षों में असंगठित इकाइयों में 54 लाख नौकरियां ख़त्म हो गई हैं.’
उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2010-11 में पूरे भारत में 10.8 करोड़ कर्मचारी अनिगमित गैर-कृषि उद्यमों में कार्यरत थे, जो अब 2022-23 में 10.96 करोड़ हो गए हैं, यानी 12 वर्षों में केवल 16 लाख़ की मामूली वृद्धि है.’
Modi Govt may be refuting independent economic reports like Citigroup on unemployment, but how will it deny government data!
The truth is that Modi Govt is solely responsible for shattering the dreams of crores of Youth in the last 10 years!
The latest government data… pic.twitter.com/9KatWsJ8VN
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 9, 2024
खरगे ने ताजा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) का हवाला देते हुए कहा कि शहरी बेरोज़गारी दर 6.7 प्रतिशत है. मोदी सरकार कर्मचारी भविष्य निधि का डेटा दिखाकर औपचारिक इकाइयों में रोज़गार सृजन का ढोल पीटती है, पर अगर वो आंकड़ा सच भी मान लें, तो भी 2023 में उसमें नई नौकरियों में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है.
खरगे ने कहा कि सिटीग्रुप की ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि देश में सालाना 1.2 करोड़ नौकरियों की जरूरत है और सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर भी युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा नहीं कर पाएगी. फिलहाल मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में औसतन केवल 5.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर है.
खरगे ने कहा कि सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद आईआईएम लखनऊ की एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश में बेरोज़गारी बढ़ रही है. ये शिक्षित लोगों के बीच ज्यादा है, वहीं कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी कम हो रही है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्र आर्थिक रिपोर्ट्स को तो खारिज कर देती है क्योंकि वो सच लोगों के सामने नहीं आने देना चाहती.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़े का हवाला देते हुए खरगे ने कहा, ‘देश में मौजूदा बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है, वहीं महिलाओं के लिए यह 18.5 प्रतिशत है.’
खरगे ने आगे बताया, ‘आईएलओ रिपोर्ट के अनुसार, देश में 83 प्रतिशत बेरोजगार युवा हैं. इंडिया इंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 2012 और 2019 के बीच, लगभग 7 करोड़ युवा श्रम बल में शामिल हुए, लेकिन रोजगार में शून्य वृद्धि हुई, ये केवल 0.01 प्रतिशत रही.’
कांग्रेस प्रमुख ने अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की 2023 की रिपोर्ट का भी हवाला देते हुए जोड़ा कि देश में 25 साल से कम उम्र के 42.3 प्रतिशत ग्रेजुएट बेरोजगार हैं.
खरगे ने कहा, ‘चाहे वह सरकारी नौकरियां हो या निजी क्षेत्र, स्वरोजगार या असंगठित क्षेत्र, मोदी सरकार का एक ही मिशन है ‘युवाओं को बेरोजगार रखो.’
गौरतलब है कि कांग्रेस बेरोज़गारी के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ ललगातार हमलावर है.
इससे पहले पार्टी ने सिटीग्रुप की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने ‘तुगलकी नोटबंदी’, जल्दबाजी में लागू जीएसटी और चीन से बढ़ते आयात के जरिये नौकरी पैदा करने वाले लघु और मझोले उद्योगों का को बर्बाद कर भारत को ‘बेरोजगारी संकट’ की ओर ढकेल दिया है.