नई दिल्ली: कर्नाटक से सात बार के लोकसभा सांसद रमेश जिगाजिनागी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने के फैसले से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है.
मंगलवार (8 जुलाई) को अपने निर्वाचन क्षेत्र में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी पार्टी के नेतृत्व से स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया है?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मैं बेहद आहत हूं. पूरे दक्षिण भारत में सात बार संसद के लिए निर्वाचित होने वाला मैं एकमात्र दलित सांसद हूं. मेरी किस्मत देखिए.. सभी ऊंची जातियां कैबिनेट मंत्री बन गईं, क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया?’
जिगाजिनागी ने कहा, ‘मैं अपने लिए कैबिनेट पद नहीं चाहता. जब मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में लौटा तो कई लोगों ने मेरी आलोचना की, कई लोगों ने मुझे पहले ही चेतावनी दी थी कि भाजपा दलित विरोधी है. मुझ पर केंद्र में मंत्री बनने के लिए जनता का दबाव है. क्या यह उचित है या अनुचित?’
कर्नाटक के इस वरिष्ठ भाजपा नेता ने अब तक लगातार सात चुनाव जीते हैं, तीन बार चिक्कोडी (एससी आरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से और चार बार बीजापुर (एससी आरक्षित) सीट से. अपने चार दशक के राजनीतिक करिअर में उन्होंने कभी हार का सामना नहीं किया है.
वे नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में 2016 से 2019 तक पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत थे. 2024 के आम चुनाव में रमेश जिगाजिनागी ने कर्नाटक के बीजापुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के राजू अलागुर को 77,229 मतों के अंतर से हराया था.