नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू के एक व्यवसायी और दो समाचार पत्रों के मालिक की संपत्तियों पर छापे मारे हैं, जिन्हें इसी सप्ताह आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था कि उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के कुछ सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सुरक्षा को वापस लेने से संबंधित एक ‘गोपनीय’ दस्तावेज को सार्वजनिक किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, तरुण बहल को बुधवार (10 जुलाई) को जम्मू शहर के चन्नी हिम्मत क्षेत्र स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था.
उन पर कथित तौर पर ऐसे 57 सुरक्षा प्राप्त लोगों की सूची प्रसारित करने का आरोप है- जिनमें कुछ पत्रकार, नेता और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी शामिल हैं- जिनकी सुरक्षा हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा वापस ले ली गई थी.
गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप
अधिकारियों ने बताया कि ‘गोपनीय’ दस्तावेज बहल द्वारा चलाए जा रहे वॉट्सऐप ग्रुप ‘द श्री टाइम्स’ और ‘द डेली आसमान’ में प्रसारित हुए थे. उन्हें जम्मू शहर की पुलिस ने चन्नी हिम्मत पुलिस थाने में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 (ऐसी जानकारी प्रसारित करना जो किसी दुश्मन के लिए उपयोगी हो सके या भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा या विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रभावित करने की संभावना रखती हो) और धारा 5 (गोपनीय सूचना का गलत संचार) के तहत दर्ज मामले (एफआईआर संख्या 80/2024) में गिरफ्तार किया था.
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 49 (उकसाने की सजा) और 353 (सार्वजनिक क्षति पहुंचाने के लिए प्रेरित करने वाले बयान) भी लगाई गई हैं.
दूसरा मामला (एफआईआर संख्या 48/2024) राजधानी श्रीनगर के शेरगढ़ी पुलिस थाने में दर्ज किया गया. यह उस दस्तावेज को प्रसारित करने के संबंध में है जिसमें ‘विभिन्न सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों की सुरक्षा में कटौती और वापसी का विवरण दिया गया है.’
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बयान में मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप एडमिनों को ऐसी जानकारी प्रसारित न करने की सलाह दी है जो ‘राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डाल सकती है.’
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम लीक के स्रोत की सक्रियता से जांच कर रहे हैं और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेंगे. लोगों से आग्रह है कि वे ऐसी संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें और अनधिकृत खुलासे के बारे में किसी भी जानकारी की सूचना पुलिस को दें. यह घटना गोपनीय जानकारी की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है, खासकर जब यह राष्ट्रीय सुरक्षा और खतरे में घिरे व्यक्तियों की सुरक्षा से संबंधित हो.’
अख़बार को भाजपा से विज्ञापन मिलते थे
‘द श्री टाइम्स’ दिसंबर 2020 में बने अपने एक्स अकाउंट पर खुद को ‘श्री ग्रुप ऑफ पब्लिकेशंस के स्वामित्व वाला जम्मू-कश्मीर का प्रमुख और व्यापक रूप से पढ़ा जाने वाला दैनिक अंग्रेजी समाचार पत्र’ बताता है, जिसे बहल चलाते हैं और वर्तमान में जिसकी वेबसाइट खुल नहीं रही है.
2 दिसंबर 2014 को श्री टाइम्स के फ्रंट पेज की एक तस्वीर, जो बहल की फेसबुक प्रोफाइल पिक्चर भी है, बताती है कि अखबार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से विज्ञापन मिले थे. उर्दू अखबार द डेली आसमान के मालिक भी बहल ही हैं.
अधिकारियों ने बताया कि बहल, जो जम्मू में कुछ शैक्षणिक संस्थान भी चलाते हैं, को 10 जुलाई को एक अदालत में पेश किया गया था, जिसने उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. आईएएनएस की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है: ‘उनके खुलासे से पता चला है कि बहल के 125 बैंक खाते हैं, जिनके जरिए उन्होंने काले धन को सफेद करके वित्तीय प्रणाली में शामिल किया. आरोपी के पास 16 लग्जरी कार हैं. सबूतों से जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नौकरशाहों और स्थानीय राजनेताओं के साथ उनके संबंधों का भी पता चलता है.’
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि उसने जम्मू में बहल की संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए हैं.
उकसाने का प्रयास
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘आरोपी का कृत्य समाज के किसी अन्य वर्ग या तबके के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए लोगों को उकसाने के बराबर है. जांच के दौरान अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त किए गए और चन्नी हिम्मत स्थित तरुण बहल के घर और चौवाडी स्थित इंटरनेशनल ब्रिटिश स्कूल में तलाशी ली गई.’
बहल के खिलाफ यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के एक पूर्व पुलिस अधिकारी की आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के करीब दो महीने बाद हुई है. उक्त पुलिस अधिकारी पर कथित तौर पर अपनी किताब में ‘संवेदनशील जानकारी’ प्रकाशित करने का आरोप लगा था.