नई दिल्ली: नेपाल में बड़ी राजनीतिक उठापटक देखने को मिली है. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शुक्रवार (12 जुलाई) को संसद में विश्वास मत हार गए. हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा ‘प्रचंड’ की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उन्हें विश्वास मत का सामना करना पड़ा था.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस द्वारा समर्थित सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली अब नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं. 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में केवल 63 सदस्यों ने प्रचंड द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 194 ने इसका भारी विरोध किया. एक सदस्य अनुपस्थित रहे.
मालूम हो कि दिसंबर 2022 से शुरू हुआ प्रचंड का तीसरा कार्यकाल बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. उन्हें गठबंधन सहयोगियों से लगातार चुनौती मिल रही थी. पद संभालने के बाद प्रचंड को पांच बार विश्वासमत का सामना करना पड़ा, जिसमें चार बार वो जीत हासिल करने में सफल रहे, लेकिन इस बार हार गए.
अध्यक्ष देव राज घिमिरे द्वारा प्रचंड की हार की घोषणा के तुरंत बाद सदस्यों को केपी ओली को बधाई देते देखा गया.
ऐसी संभावना है कि ओली और नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा दोनों दलों के सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल से संयुक्त रूप से मुलाकात करेंगे और ओली को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने का दावा पेश करेंगे.
गौरतलब है कि दोनों दलों के पास सदन में कुल 167 सदस्यों का समर्थन है. नई सरकार को अपने गठन के 30 दिनों के भीतर संसद में विश्वास मत जीतना होगा.