ओडिशा: राज्यपाल के बेटे ने रेलवे स्टेशन पर उसे लेने के लिए लग्जरी कार न भेजने पर अधिकारी को पीटा

राज्यपाल सचिवालय में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात बैकुंठ प्रधान ने आरोप लगाया है कि बीते 7 जुलाई की रात जब वह पुरी के राजभवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा की तैयारियों की निगरानी के लिए तैनात थे, तब राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार और पांच अन्य लोगों ने उनके साथ मारपीट की.

ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार इस वक्त सुर्खियों में हैं. ललित पर राजभवन में तैनात एक अधिकारी ने मारपीट और बदसलूकी के आरोप लगाए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता 47 वर्षीय बैकुंठ प्रधान राज्यपाल सचिवालय के हाउसहोल्ड सेक्शन में सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सात जुलाई की रात, जब वो पुरी के राजभवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा की तैयारियों की निगरानी के लिए तैनात थे, तभी राज्यपाल रघुबर दास के बेटे ललित कुमार और पांच अन्य लोगों ने राजभवन परिसर में उनके साथ मार-पीट की.

अधिकारी ने इसके पीछे का कारण भी बताया है. उन्होंने कहा कि क्योंकि राज्यपाल के बेटे को रेलवे स्टेशन पर लेने के लिए लग्जरी गाड़ी नहीं गई थी, इसलिए वो नाराज थे.

अधिकारी का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में घटना के अगले दिन यानी 8 जुलाई की शाम 4.30 बजे राज्यपाल के प्रमुख सचिव को मौखिक रूप से अपनी शिकायत बताई थी और 10 जुलाई को इस संबंध में लिखित शिकायत भी सौंपी है.

अखबार ने जब राजभवन के अधिकारियों और प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा से इस मामले को लेकर संपर्क किया, तो उन्होंने कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया.

अधिकारी ने प्रमुख सचिव को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि राजभवन पुरी का प्रभारी होने के नाते वो पुरी में  7 और 8 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा की तैयारियों की निगरानी के लिए 5 जुलाई से तैनात थे. इसके पहले वह भुवनेश्वर के राजभवन में थे.

उन्होंने आरोप लगाया है कि सात जुलाई की रात करीब 11.45 बजे जब वह कार्यालय कक्ष में बैठे थे, तो राज्यपाल के निजी रसोइए ने उनसे कहा कि ललित कुमार उनसे तुरंत मिलना चाहते हैं.

आगे उन्होंने बताया, ‘जैसे ही ललित कुमार ने मुझे देखा, मुझे डांटना शुरू कर दिया और बेहद आपत्तिजनक अपशब्दों का इस्तेमाल किया.जब मैंने इस तरह के अपमान का विरोध किया, तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया.’

अधिकारी का दावा है कि उन्होंने कमरे से भाग कर बाहर जाने की कोशिश की और वो एनेक्सी के पीछे छिप गए, लेकिन कुमार के निजी सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें ढूंढ लिया और लिफ्ट के माध्यम से उन्हें एक कमरे में ले गए और फिर उनके साथ मार-पीट की. इस घटना को वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों ने भी देखा. इस दौरान ललित कुमार लगातार कह रहे थे कि अगर वे मेरी हत्या भी कर देंगे, तो भी मुझे कोई नहीं बचा सकता.

इस मामले पर शुक्रवार (12 जुलाई) को भुवनेश्वर में मीडिया से बात करते हुए अधिकारी की पत्नी सयोज ने दावा किया कि वे 11 जुलाई को सी बीच पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गए थे, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. इसलिए अब उन्होंने पुलिस को शिकायत मेल कर दी है.

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ललित कुमार, प्रधान से इसलिए नाराज थे क्योंकि उन्होंने पुरी रेलवे स्टेशन पर उन्हें लेने के लिए दो लग्जरी गाड़ियां नहीं भेजीं. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि मारपीट के दौरान कुमार ने प्रधान से अपने जूते चाटने के लिए कहा था.

अखबार का इस शिकायत के संबंध में पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा से संपर्क नहीं हो सका है.

सयोज ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे पति को राष्ट्रपति की ड्यूटी के लिए तैनात किया गया था, न कि राज्यपाल के बेटे की सेवा के लिए.’

उन्होंने बताया कि उन्हें गुरुवार (11 जुलाई) को पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था.

उन्होंने दावा किया कि प्रधान ने इस मुद्दे पर बात करने के लिए 10 जुलाई को राज्यपाल और वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की थी, लेकिन उन्हें अपना व्यवहार बदलने के लिए कहा गया.

उन्होंने बताया कि प्रधान ने 2019 में इस नौकरी से पहले लगभग 20 वर्षों तक भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं दी हैं.