नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पेंसिल्वेनिया की एक चुनावी रैली में उन पर चलाई गई गोली के हमले में बाल-बाल बचे हैं. शनिवार (13 जुलाई) को कान पर गोली लगने से ट्रंप घायल हो गए थे. एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने मीडिया को जानकारी दी है कि ट्रंप की हत्या का प्रयास किया गया है.
हालांकि, अब ट्रंप को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है और पूर्व योजना के मुताबिक वह रविवार (14 जुलाई) को विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी में होने वाले रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में जाने वाले हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर पेंसिल्वेनिया के बटलर में हुए हमले के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘एक गोली मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकल गई. काफी खून बहा.’
सीक्रेट सर्विस के एक बयान के अनुसार, हमलावर मारा गया है, रैली में शामिल एक व्यक्ति की भी मौत हुई है और दो अन्य दर्शक घायल हो गए हैं. इस घटना की हत्या के प्रयास के तौर पर जांच की जा रही है.
इस घटना के तुरंत बाद ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि राजनीति में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
कौन है हमलावर?
एफबीआई ने रविवार (14 जुलाई) को तड़के हमलावर की पहचान पेंसिल्वेनिया के बेथेल पार्क निवासी 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में की. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप पर गोलियां चलाने वाले संदिग्ध को कथित तौर पर रैली के मंच के पास स्थित एक शेड की छत पर देखा गया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक व्यक्ति को कथित तौर पर एक शेड जैसी संरचना के ऊपर मृत अवस्था में देखा जा सकता है.
पीएम मोदी ने की निंदा
घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से मैं बहुत चिंतित हूं. इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं. राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’ उन्होंने कहा कि हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं.
Deeply concerned by the attack on my friend, former President Donald Trump. Strongly condemn the incident. Violence has no place in politics and democracies. Wish him speedy recovery.
Our thoughts and prayers are with the family of the deceased, those injured and the American…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2024
विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा है, ‘मैं पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास से बेहद चिंतित हूं. ऐसे कृत्यों की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
I am deeply concerned by the assassination attempt on former US President Donald Trump.
Such acts must be condemned in the strongest possible terms.
Wishing him a swift and complete recovery.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 14, 2024
बता दें कि शनिवार को पेंसिल्वेनिया में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप एक चुनावी रैली में भाषण दे रहे थे. ट्रंप ने अभी बोलना शुरू ही किया था कि चार गोलियां चलाई गईं, जिनमें से एक ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई. उन्होंने जल्द ही अपने खून बहते कान को पकड़ा और फिर पोडियम के पीछे घुटनों के बल बैठ गए. जल्द ही, सीक्रेट सर्विस के एजेंट उनके पास आ गए और उन्हें घेर लिया. तब तक गोलियों की बौछार से भगदड़ मच गई थी. ट्रंप ने विरोध जताते हुए अपनी मुट्ठी बांधी और चिल्लाते हुए कहा ‘फाइट, फाइट, फाइट’. इसके बाद उनके एजेंट उन्हें कार में ले गए.
पहले भी हुए हैं अमेरिका के राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति पर हमले
ट्रंप पर हुआ हमला राजनीतिक हिंसा की उन अनेक घटनाओं की सूची में शामिल हो गया है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपतियों और पूर्व राष्ट्रपतियों को निशाना बनाया गया. अब्राहम लिंकन, जॉन एफ कैनेडी से लेकर जॉर्ज डब्ल्यू बुश तक अमेरिका में हुईं हत्याओं और हत्या के प्रयासों पर एक नजर डालें:
16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन पहले राष्ट्रपति थे जिनकी हत्या 14 अप्रैल, 1865 को जॉन विल्क्स बूथ ने गोली मारकर कर दी थी. लिंकन को सिर के पिछले हिस्से में गोली मारी गई, जिससे अगली सुबह उनकी मौत हो गई.
20वें राष्ट्रपति जेम्स गारफील्ड दूसरे ऐसे राष्ट्रपति थे जिनकी हत्या पदभार ग्रहण करने के छह महीने बाद ही कर दी गई थी. एपी के अनुसार, 2 जुलाई 1881 को वे वाशिंगटन के एक रेलवे स्टेशन से गुजर रहे थे, तभी चार्ल्स गुइटो ने उन्हें गोली मार दी. टेलीफोन के आविष्कारक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने एक विशेष उपकरण का उपयोग करके गारफील्ड की छाती में धंसी गोली को खोजने का असफल प्रयास किया. घायल राष्ट्रपति कई सप्ताह तक व्हाइट हाउस में लेटे रहे और सितंबर में उनकी मृत्यु हो गई.
25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिनले को 6 सितम्बर 1901 को न्यूयॉर्क के बफैलो में भाषण देने के बाद गोली मार दी गई थी. यह हमला उस समय हुआ जब वे रिसेप्शन लाइन से गुजर रहे लोगों से हाथ मिला रहे थे. एक व्यक्ति ने नजदीक से उनकी छाती में दो गोलियां दाग दीं. डॉक्टरों को उम्मीद थी कि मैकिनले ठीक हो जाएंगे, लेकिन एक सप्ताह बाद मृत्यु हो गई.
35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी जब नवंबर 1963 में अपनी पत्नी जैकलिन कैनेडी के साथ डलास की यात्रा पर थे, तो एक स्नाइपर ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. कैनेडी को पार्कलैंड मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया, जहां जल्द ही उनकी मृत्यु हो गई.
43वें राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश 2005 में जॉर्जियाई राष्ट्रपति मिखाइल साकाश्विली के साथ त्बिलिसी में एक रैली में थे, जब उनकी ओर एक हथगोला फेंका गया. दोनों नेता बुलेटप्रूफ बैरियर के पीछे थे. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. इस मामले में व्लादिमीर अरूटुनियन को दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.