विधानसभा उपचुनाव: सात राज्यों की 13 में से 10 सीट इंडिया गठबंधन के खाते में, एनडीए 2 पर सिमटा

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नतीजों के बाद कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा बुना गया ‘भय और भ्रम’ का जाल टूट चुका है.

लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के रामलीला मैदान पर आयोजित इंडिया महागठबंधन की रैली का एक दृश्य. (फोटो साभार: एक्स)

नई दिल्ली: शनिवार (13 जुलाई) को 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आए. इंडिया गठबंधन ने उपचुनावों में 13 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) केवल दो सीटें हासिल करने में सफल रही. बिहार की एक सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की. 

किन सीटों पर हुआ था मतदान ? 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राज्यों की 13 विधानसभा सीटों के लिए 10 जुलाई को वोट डाले गए थे. विभिन्न दलों के मौजूदा विधायकों की मृत्यु या इस्तीफे के कारण उपचुनाव अनिवार्य हो गए थे.  

बिहार में रूपौली; पश्चिम बंगाल में रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला; तमिलनाडु में विक्रवांडी; मध्य प्रदेश में अमरवाड़ा; उत्तराखंड में बद्रीनाथ और मंगलौर; पंजाब में जालंधर पश्चिम; और हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ सीटों पर उपचुनाव हुए थे.

कहां किसने मारी बाज़ी?

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने देहरा और नालागढ़ में जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने हमीरपुर में जीत दर्ज की.

मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा की सीट भाजपा के खाते में गई.

आम आदमी पार्टी ने जालंधर पश्चिम में जीत हासिल की.

तमिलनाडु में डीएमके ने विक्रवांडी में बाज़ी मारी.

उत्तराखंड में कांग्रेस ने बद्रीनाथ और मंगलौर में जीत दर्ज की.

बिहार की रूपौली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने कब्ज़ा किया.

वहीं, पश्चिम बंगाल की चारों सीटें तृणमूल कांग्रेस के खाते में गई. 

जिन 13 सीटों पर उपचुनाव हुए, द हिंदू के मुताबिक उनमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के पास दो-दो सीटें थीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनता दल (यूनाइटेड), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और आम आदमी पार्टी (आप) के पास एक-एक सीट थीं. बाकी तीन सीट पर निर्दलीय विधायक थे.

नतीजों के बाद किसने क्या कहा ?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नतीजों के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘7 राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा द्वारा बुना गया ‘भय और भ्रम’ का जाल टूट चुका है. किसान, नौजवान, मज़दूर, व्यापारी और नौकरीपेशा समेत हर वर्ग तानाशाही का समूल नाश कर न्याय का राज स्थापित करना चाहता है. अपने जीवन की बेहतरी और संविधान की रक्षा के लिए जनता अब पूरी तरह से ‘इंडिया’ (गठबंधन) के साथ खड़ी है. 

हालांकि, भाजपा की ओर से कहा गया है कि जिन 13 सीटों पर मतदान हुए थे, उनमें से 9 पर भाजपा का कब्जा नहीं था. हिमाचल प्रदेश की सभी 3 सीटें निर्दलीयों के पास थी. उत्तराखंड की दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. वहीं, मध्य प्रदेश में भाजपा ने वह सीट जीती जो पहले कांग्रेस के पास थी. पंजाब और तमिलनाडु में विपक्ष ने अपनी-अपनी सीटें बरकरार रखी हैं.