नई दिल्ली: केरल क्रिकेट एसोसिएशन (केसीए) के कोच के खिलाफ लगे यौन शोषण के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पांच नाबालिग लड़कियों के माता-पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. नाबालिग लड़कियां कोच द्वारा प्रशिक्षित की जा रही थीं.
2019 में एक लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में कोच को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पांच अन्य लड़कियों ने भी कोच के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं.
शुक्रवार (12 जुलाई) को केसीए ने बीसीसीआई से संबद्ध राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से कोच का सर्टिफिकेट रद्द करने की सिफारिश की. साथ ही, पूरे भारत में क्रिकेट संघों को उन्हें कोच के रूप में नियुक्त न करने का निर्देश दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में माता-पिता ने संदेह जताया है कि एक पूरा गिरोह इस मामले में शामिल है. याचिका में कहा गया है, ‘उन्होंने बच्चों के वीडियो और तस्वीरें ली हैं और उन्हें व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विभिन्न वेबसाइटों पर अपलोड किया है. कुछ वेबसाइट बच्चों के खिलाफ इस तरह की अवैध गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए उपलब्ध हैं.’
उस लड़की की मां जिसकी शिकायत पर कोच को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया, उन्होंने भी 2019 में अपनी बेटी के साथ हुई घटनाओं को बताया है. याचिका में लिखा है, ‘वह क्रिकेट अभ्यास छोड़कर बेंगलुरु जाना चाहती थी. उसका व्यवहार कुछ बदल गया था. लेकिन परिवार ने इस पर ध्यान नहीं दिया. हाल ही में वह तिरुवनंतपुरम में कोच को फिर से देखकर डर गई. लड़की ने तब खुलासा किया कि 2019 में क्या हुआ था, जिसके कारण मामला दर्ज किया गया.’
12 जून को कोच की गिरफ्तारी के बाद अन्य लड़कियां और उनके माता-पिता 2020 और 2021 में कोचिंग सत्रों के दौरान इसी तरह के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सामने आए हैं. उनका कहना है कि कोच ने कथित तौर पर लड़कियों की शारीरिक फिटनेस की जांच की आड़ में उनकी नग्न तस्वीरें क्लिक की थीं.
केसीए अध्यक्ष जयेश जॉर्ज ने दावा किया कि एसोसिएशन ने कोच को बचाने की कोशिश नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘उन्हें 2022 में भी इसी तरह के मामले का सामना करना पड़ा था. तब एसोसिएशन ने उन्हें कोच की नौकरी से दूर रखा था. लेकिन छात्रों और उनके अभिभावकों का एक वर्ग उन्हें वापस कोच के रूप में चाहता था. तब शिकायत चयन से संबंधित मुद्दों के हिस्से के रूप में सामने आई थी. लेकिन एसोसिएशन उन्हें वापस लेने के लिए तैयार नहीं था.’
जॉर्ज ने बताया कि छात्रों और अभिभावकों द्वारा आरोपी का समर्थन करने के बाद अदालत ने अंततः मामले का निपटारा किया. हालांकि, उन्होंने केसीए की ओर से चूक को स्वीकार करते हुए कहा है कि हमें तब आंतरिक जांच करानी चाहिए थी.
एक अन्य अभिभावक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि कोच ने पिछले कई वर्षों में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया है. उन्होंने आरोप लगाया है, ‘पहले के पॉक्सो मामले से बाहर निकलने के बाद भी उसने वही प्रवृत्ति दिखाई थी. वह तमिलनाडु में किसी महिला स्टाफ या कोच के बिना लड़कियों को टूर्नामेंट में ले जाता था. पिछले कुछ महीनों में कुछ माता-पिता ने अपनी बेटियों को (कोचिंग से) हटा लिया है, क्योंकि उन्हें उसके व्यवहार पर संदेह हुआ था.’