यूपी: शाहजहांपुर में बाढ़ पीड़ित महिलाओं से मदद के नाम पर छेड़छाड़, 30 लोग पुलिस हिरासत में

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिलाओं ने आरोप लगाया है कि शाहजहांपुर में मौजमपुर के आसपास बाढ़ प्रभावित गांवों से निकलने में मदद की पेशकश करने के बाद कुछ लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ की.

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की एक तस्वीर. (फोटो साभार: एएनआई वीडियो)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों से महिलाओं और लड़कियों को बचाने के दौरान कथित तौर पर उनके साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में लिया है.

प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 175 किलोमीटर उत्तर में स्थित शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीना ने कहा, ‘हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चौक कोतवाली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया है और पूछताछ के लिए 30 लोगों को हिरासत में लिया है.’

द टेलीग्राफ ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है, ‘महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मौजमपुर के आसपास बाढ़ प्रभावित गांवों से निकलने में मदद की पेशकश करने के बाद कुछ लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ की. एक महिला ने टेलीग्राफ को बताया है, ‘उनके पास नावें और तैरने वाली ट्यूबें थीं. हमें उनके इरादे का पता थोड़ी देर से चला.’

अजीजगंज पुलिस चौकी प्रभारी रोहित कुमार ने कहा है, ‘मामले की जांच जारी है. हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. हम राम चंद्र मिशन पुलिस थाने में उनसे पूछताछ कर रहे हैं और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद है.’

राम चंद्र मिशन पुलिस थाने के प्रभारी चंद्र प्रकाश शुक्ला ने कहा, ‘हम हिरासत में लिए गए लोगों का आपराधिक इतिहास जानने की कोशिश कर रहे हैं.’ शहर के कांशीराम कॉलोनी निवासी शिव शंकर ने पुलिस को सूचना दी है कि इलाके में कुछ लुटेरे सक्रिय हैं. शंकर का रिहायशी इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है.

उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने परिवार के सदस्यों को हनुमान धाम भेज दिया था, जहां मेरा भतीजा शिव ओम रहता है. मैं शाम को पानी से भरी सड़क पर अकेले जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने मुझे रोका और मेरा सामान छीन लिया, जिसमें मेरा मोबाइल फोन भी शामिल था.’

शाहजहांपुर शहर के पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने कहा, ‘हमने अज्ञात लुटेरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश की जा रही है.’ बता दें कि उत्तर प्रदेश में 700 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं क्योंकि नदियां लगातार उफान पर हैं.

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर

रविवार (14 जुलाई) को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम नौ और लोगों की मौत हो गई. राज्य में उक्त अवधि के दौरान 7.4 मिमी बारिश हुई है. मरने वालों में सात लोग डूब गए, एक की मौत बिजली गिरने से हुई और एक की मौत मानव-पशु संघर्ष में हुई. सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, एटा, महोबा, प्रतापगढ़, बहराइच और संभल में एक-एक और बरेली में दो लोगों की मौत की खबर है.

राज्य राहत आयुक्त कार्यालय की शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि आजमगढ़ में एक व्यक्ति की मौत बिजली गिरने से हुई, जबकि बहराइच में एक व्यक्ति की मौत मानव-पशु संघर्ष के कारण हुई तथा शेष की मौत डूबने से हुई.

राज्य में 698 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. राहत आयुक्त कार्यालय की बाढ़ निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 646 गांवों में मानव जीवन और खेती दोनों प्रभावित हुई है, जबकि 52 अन्य गांव वर्तमान में कटाव का सामना कर रहे हैं.

बाढ़ के कारण कुल 10 लाख ग्रामीण आबादी प्रभावित हुई है. 526 गांवों में राहत कार्य भी चल रहा है और अब तक करीब 943 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं.

सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में राप्ती, घाघरा, रामगंगा, कनहर और रोहिणी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन जिलों में सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, गोंडा, महाराजगंज, शाहजहांपुर शामिल हैं.

150 गांवों में मुख्य सड़क से गांव का संपर्क मार्ग टूट गया है. कुल 1,273 गांव इस समय इसी समस्या से जूझ रहे हैं. विभिन्न जिलों में बारिश और राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती और कुआनो नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में बाढ़ आ गई है.